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फसल पर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किसानों के लिए हानिकारक, 3 की मौत
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डिजिटल डेस्क, यवतमाल। कर्ज से परेशान किसानों के सामने एक नई मुसीबत खड़ी हो गई। फसलों को बीमारियों से बचाने के लिए किए जाने वाले कीटनाशक के छिड़काव से रविवार को तीन किसानों की मौत हो गई। मारेगांव तहसील के ग्राम चिंचगांव निवासी शंकर आगलावे, उम्र 50 साल की नागपुर मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई। उसे कीटनाशक से प्रभावित होने के बाद अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। तो वहीं वणी तहसील के आमलोण निवासी दत्तात्रय गजानन टेकाम, उम्र 35 साल, की वणी शहर के सुगम अस्पताल में मौत हो गई। इसके अलावा कलंब तहसील के ग्राम सावरगांव निवासी किसान गजानन फुलमाली को भी कीटनाशक से प्रभावित होने के बाद अस्पताल भर्ती कराया गया था, लेकिन उसे भी नहीं बचाया जा सका।
हाल ही में जिले के कई किसान इसके शिकार हुए हैं, जिन्हें अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। मामला सामने आने के बाद चर्चा में हैं। जिसे लेकर 29 सितंबर को विधानपरिषद के उपसभापति माणिकराव ठाकरे ने कहा कि पीड़ित परिवारों सहित कीटनाशक से प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मामले में निष्पक्षता से जांच के लिए राज्य सरकार हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अगुआई में समिति गठित कर कारवाई करे। बताया जा रहा है कि किसी तरह की अनुमति और लाइसेंस न होने के बावजूद प्रशासनिक, जनप्रतिनिधिस्तर पर बरती गई लापरवाही के कारण कीटकनाशक बेचा गया।
पंजीकृत डीलर से ही खरीदें कीटनाशक
जानकारों का कहना है कि कीटनाशक और जैव कीटनाशक सिर्फ पंजीकृत डीलर से ही खरीदने चाहिए। जिसके लिए वैध लाइसेंस जारी होता है। एक बार में छिड़काव के हिसाब से जितनी जरूरत हो उतना ही कीटनाशक खरीदना चाहिए। हालांकि उसे खरीदते वक्त कंटेनर या पैकेट पर लेबल देखना जरूरी है। जिससे उसकी गुणवत्ता का जायजा लगाया जा सकता है। साथ ही लेबल पर बैच नंबर, पंजीकरण संख्याख, मैन्युसफैक्चतर और एक्स पाइरी डेट भी देखनी चाहिए। इस बात का भी ध्यान रखें कि कीटनाशक का डिब्बा अच्छी तरह पैक हो।
बरते कुछ खास सावधानियां
कीटनाशक का घोल तैयार करते वक्त उसके तय अनुपात का ध्यान रखना जरूरी है। जरूरत से अधिक मात्रा, उपयोग करने वाले के लिए मुसीबत खड़ी कर सकती है। दस्ताुने, मास्क, एप्रॉन, पूरे कपड़ों का ही इस्तेलमाल करें। शरीर को ढंकने के बाद ही छिड़काव करना चाहिए। हालांकि इस बीच ऐसा कोई काम न करें, जिससे कीटनाशक सीधा संपर्क में आए। ये स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।
Created On :   1 Oct 2017 6:16 PM IST