डॉ तडवी मामले की सुनवाई का होगा वीडियो रिकार्डिंग

Payal tadvi suicide case court ordered for video recording of bail plea hearing
डॉ तडवी मामले की सुनवाई का होगा वीडियो रिकार्डिंग
डॉ तडवी मामले की सुनवाई का होगा वीडियो रिकार्डिंग

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने अदालत प्रशासन को मुंबई के नायर अस्पताल की डॉक्टर पायल तडवी के आत्महत्या से जुड़े मामले की सुनवाई का वीडियो रिकार्डिंग करने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। न्यायमूति डीएस नायडू ने यह निर्देश मामले में आरोपी डॉ हेमा अहूजा, डॉ भक्ति मेहरे व डॉ अंकिता खंडेलवाल की ओर से दायर जमानत आवेदन पर सुनवाई के दौरान दिया। तीनों डॉक्टरों को पुलिस ने डॉ तडवी की आत्महत्या के बाद 29 मई 2019 को गिरफ्तार किया गया था। तीनों आरोपी  महिला डाक्टरों पर डा तडवी को आत्महत्या के लिए उकसाने, उस पर जातिगत टिप्पणी करने व रैंगिग का आरोप है।

सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति ने नायडू ने अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति कानून के प्रावधानों पर गौर करने के बाद कहा कि एट्रोसिटी से जुड़े मामलों की न्यायालयीन कार्यवाही की वीडियो रिकार्डिंग का प्रावधान है। डॉ तडवी की मां की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता सदाव्रते गुणरत्ने ने न्यायमूर्ति को अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति एट्रोसिटी से जुड़े कानून के बारे में न्यायमूर्ति को जानकारी दी। इस पर विशेष सरकारी वकील राजा ठाकरे ने कहा कि यह सरकार का नीतिगत मामला है।

वहीं आरोपी डॉक्टरों की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता आबाद पोंडा ने कहा कि वीडियो रिकार्डिंग का प्रावधान एट्रोसिटी से जुड़े मुकदमे की सुनवाई के लिए किया गया है जमानत आवेदन पर सुनवाई के दौरान वीडियो रिकार्डिंग की जरुरत नहीं है।  न्यायमूर्ति ने इससे असहमति जाहिर की और न्यायालय प्रशासन को 30 जुलाई तक वीडियो रिकार्डिंग की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति ने कहा कि मैं कानूनी प्रावधानों की अनदेखी नहीं कर सकता हूं। मुझे इस बात से सहानुभूति है कि वीडियो रिकार्डिंग से जमानत आवेदन की सुनवाई में विलंब होगा लेकिन इस सबके बीच कानूनी प्रावधानों का पालन किया जाना जरुरी है।

इस पर आरोपियों के वकील पोंडा ने कहा के मेरे मुवक्किल कोई अपराधी नहीं हैं वे शिक्षित लोग हैं। उन्हें पता है कि अस्पताल में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी है जिसके तहत डॉक्टर तडवी ने आत्महत्या की है, लेकिन इसके बावजूद जीवन आगे बढता है। मेरे मुवक्किल मुकदमे का सामना करेंगे। आरोपी डॉक्टरों को नायर अस्पताल से निलंबित कर दिया गया है। वे सिर्फ यहां पढाई करेंगी और फिर मुंबई से बाहर रहेंगी। मेरे मुवक्किलों ने डॉक्टर तडवी की जाति को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की थी। यह बात पुलिस को मिले सुसाइड नोट से भी साफ होती है।

गौरतलब है कि डॉक्टर तडवी ने नायर अस्पताल के छात्रावास में 22 मई 2019 को आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद तीनों डॉक्टरों को गिरफ्तार किया गया था। तीनों डॉक्टर फिलहाल न्यायिक हिरासत में है और उन्हें आर्थर रोड जेल में रखा गया है।

Created On :   25 July 2019 8:08 PM IST

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