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शहरी गरीबों के लिये रोजगारमूलक और जनकल्याण की योजनाओं के क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान दें - मुख्यमंत्री श्री चौहान
डिजिटल डेस्क, छतरपुर। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है किशहरी गरीबों के लिये रोजगारमूलक योजनाओं, जनकल्याण और आवास योजनाओं का क्रियान्वयन समय-सीमा में किया जाये। नगरीय निकाय स्वच्छता और अधोसंरचना विकास के कार्यों को प्राथमिकता दें। नगरीय निकायों द्वारा दी जाने वाली नागरिक सुविधायें सहजता-सरलता से लोगों कोमिले। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के अंतर्गत विभाग की कार्ययोजना को समय-सीमा में अमल में लाया जाये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अधिक से अधिक पथ विक्रेताओं को कार्यशील पूंजी मिले। इस योजना को व्यापक स्वरूप में लागू किया जाये। मुख्यमंत्री श्री चौहान नगरीय विकास और आवास विभाग की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह, नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री श्री ओ.पी.एस. भदौरिया, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास विभाग श्री नितेश व्यास तथा प्रमुख सचिव वित्त श्री मनोज गोविल और अन्य अधिकारीगण मौजूद थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पथ विक्रेताओं को लाभान्वित करने में मध्यप्रदेश में अच्छा कार्य हुआ है। इस योजना में मध्यप्रदेश को देश में प्रथम स्थान मिले, ऐसा प्रयास करें। प्रमुख सचिव नगरीय निकास ने बताया कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप में विभाग ने 33 बिन्दु तथा पाँच रणनीतियां बनायी है। पहली रणनीति समावेशी शहरी विकास के अंतर्गत पांच लाख पथ विक्रेताओं को कार्यशील पूंजी के लिये ऋण दिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसे दिसम्बर 2023 तक हासिल किया जायेगा। वर्तमान में प्रदेश में एक लाख 80 हजार पथ विक्रेताओं को लाभान्वित किया जा चुका है। शीघ्र ही एक लाख पथ विक्रेताओं को लाभान्वित करने के लक्ष्य को हासिल किया जायेगा। दीनदयाल रसोई योजना मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि दीनदयाल रसोई योजना को पुन: बेहतर ढंग से क्रियान्वित किया जाये। यह राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना रही है। प्रथम चरण में सभी जिलों में एक-एक इस प्रकार 52 दीनदयाल रसोइयां जनवरी माह में शुरू की जायें। इसके लिये शासकीय मदद के साथ जनसमुदाय का सहयोग लिया जाये। द्वितीय चरण में 40 दीनदयाल रसोईयाँ शुरू की जायें। इस प्रकार कुल 100 दीनदयाल रसोईयाँ संचालित करने का लक्ष्य रखा जाये। रात्रिकालीन आश्रय मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि रात्रिकालीन आश्रयों का नवीनीकरण किया जाये। वहां जरूरी सुविधायें मुहैया कराकर साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाये। बताया गया कि पुराने 118 रात्रिकालीन आश्रयों का नवीनीकरण किया जायेगा। रोजगारमूलक योजनाओं का विस्तार मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि रोजगार शासन की प्राथमिकता में शामिल है। अत: रोजगारमूलक योजनाओं में प्रशिक्षण के साथ रोजगार स्थापित करने पर विशेष ध्यान दिया जाये। बैठक में बताया गया कि डे-एन.यू.एल.एम. योजना का प्रदेश के सभी 378 शहरों में विस्तार किया गया है। एक लाख 50 हजार गरीब परिवारों को स्व-सहायता समूहों से जोड़ने का लक्ष्य है। अब तक 21 हजार 750 परिवारों को जोड़ा जा चुका है। इन्क्यूबेशन सेन्टर बताया गया कि प्रदेश के सात शहरों में स्टार्टअप इन्क्यूबेशन सेन्टर का विकास किया जा रहा है। एक लाख बेरोजगार युवाओं का कौशल विकास का कार्यक्रम निर्धारित है। भोपाल और जबलपुर में ये सेन्टर स्थापित हो गए हैं। इंदौर में मार्च तक सेन्टर की स्थापना हो जायेगी। मार्च 2021 तक 30 हजार युवाओं के कौशल विकास की योजना है। शहरी गरीबों के लिये आवास आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप के तहत 378 शहरों में कम आय वर्ग के लोगों केलिये तीन लाख आवासीय इकाईयों के प्रदाय का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसमें से वर्तमान में 28 हजार इकाइयां पूर्ण हो गयी हैं। कम आय के 30 हजार हितग्राहियों केलिये रोजगार कम आय वर्ग के 30 हजार हितग्राहियों को 6 लाख रूपये ऋण 3-4 प्रतिशत ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जायेगा। पर्यावरण संरक्षण के लिये विकास 49 शहरों में सीवरेज सिस्टम को कार्यशील बनाने का लक्ष्य रखा गया है। ये शहर एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले तथा अधिकतर नर्मदा नदी के किनारे बसे हैं। इसी तरह सैनिटेशन में सभी 378 शहरों में से 350 शहरों ने ओडीएफ प्लस का स्टेटस हासिल कर लिया है। इंदौर शहर के लिये वाटर प्लस स्टेटस को हासिल करने का मिशन बनाया गया है। ई-व्हिकल चार्जिंग स्टेशन 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में निजी भागीदारी से ई-व्हिकल चार्जिंग स्टेशन और लोक परिवहन के लिये चरणबद्ध ई-बसों के संचालन का लक्ष्य रखा गया है।
Created On :   18 Dec 2020 1:56 PM IST