पटवारी, आरआई ने अपने रिश्तेदारों के नाम करा दी  किसान जमीन की रजिस्ट्री

Patwari, RI registers farmer land in the name of their relatives
पटवारी, आरआई ने अपने रिश्तेदारों के नाम करा दी  किसान जमीन की रजिस्ट्री
पटवारी, आरआई ने अपने रिश्तेदारों के नाम करा दी  किसान जमीन की रजिस्ट्री

डिजिटल डेस्क सीधी। जिले में ललितपुर-सिंगरौली रेल लाइन के लिये किसानों की अधिग्रहित की गई जमीनों का फर्जी दस्तावेज के जरिये राजस्व विभाग के अधिकारी कर्मचारी ले देकर ऐेसे अवार्ड पारित करा दिये हैं जहां संबंधित लोगों की कभी जमीन ही नहीं रही है। किसान को पता नहीं किंतु उसकी भूमि में दर्जनों एवार्ड  दिला दिये गये। यह करामात हल्का पटवारी एवं आरआई द्वारा की गई है। एवार्ड जारी होने के बाद जब  लोगों को जमीन का मुआवजा मिला तो पीडि़त किसान को इसकी जानकारी हुई। जिसकी फरियाद पीडि़त किसान कलेक्टर सहित कमिश्नर तक  से कर चुका है। वावजूद इसके उसे न्याय नहीं मिल पा रहा है। 
पटवारियों एवं राजस्व निरीक्षकों की चांदी 
ज्ञात हो कि नवीन रेल लाईन निर्माण में भू अधिग्रहण का काम सीधी जिले में गत वर्ष शुरू होने पर यहां संबंधित हल्का पटवारियों एवं राजस्व निरीक्षकों की चांदी कटने लगी थी। जिन किसानों की काफी भूमि रेल लाइन के लिये अधिग्रहित की जानी थी उन्हें राजस्व अमले द्वारा सुनियोजित तरीके से अपने फंदे में फंसाने का खेल शुरू कर दिया गया था। नई रेल लाइन निर्माण के लिये भू अर्जन की अधिसूचना का प्रकाशन 11 मार्च 2016 को हुआ तथा 18 मार्च 2017 को उपखण्ड अधिकारी एवं भू अर्जन अधिकारी गोपद बनास द्वारा अवार्ड पारित किया गया। ग्राम कुर्वाह निवासी किसान अच्चुतानंद दुबे पिता स्व. शिवलाल ब्राम्हण ने आरोप लगाया है कि जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू होते ही हल्का कुर्वाह के तत्कालीन पटवारी जगदीश पटेल एवं तत्कालीन राजस्व निरीक्षक प्रदीप सिंह द्वारा उन्हें सहखाते की जमीन का बंटनवारा कराने के लिये गुमराह कर अपने जाल में फंसाते हुये ज्यादा से ज्यादा अवार्ड दिलाने का झांसा दिया। क्योंकि कुर्वाह स्थित आराजी खसरा क्र. 161/1, 162, 435, 436, 437, 443, 466, 467, 468, 473, 474, 491, 180/क, 244, 443, 339, 505, 507, 589 पीडि़त किसान अच्चुतानंद दुबे एवं उनके भाई के साथ संयुक्त खाते में थी। शिकायत मे आरोप लगाया गया है कि पटवारी जगदीश पटेल एवं  राजस्व निरीक्षक प्रदीप सिंह ने षडयंत्र पूर्वक आराजी का बटनवारा कराने के लिये बटनवारा पुल्ली निर्मित कराये जाने किसान से हस्ताक्षर कराया और पंजीयन कार्यालय मे भी ले जाकर हस्ताक्षर करा लिया। पीडि़त उनकी चाल को नहीं समझ पाया और बिना प्रतिफल पाये ही 10-12 विक्रय पत्र का निष्पादन अधिसूचना जारी हेाने के पश्चात करा लिया। कलेक्टर सीधी एवं पदेन अपर सचिव मप्र शासन राजस्व विभाग द्वारा 11 मार्च 2016 को अधिसूचना जारी होने के बाद पीडि़त किसान की जमीन का खाता बंटनवारा की कार्रवाई कराने के बहाने उक्त राजस्व अमले द्वारा लगभग 12 विक्रय पत्र का निष्पादन 2 मार्च 2016 से 20 मार्च 2016 के मध्य कराते हुये क्रेतागण को भू अधिग्रहण का मुआवजा दिलाया गया। आरआई एवं पटवारी की धोखाधड़ी की जानकारी मिलने पर पीडि़त किसान द्वारा इसकी शिकायत बड़े अधिकारियों से की गई जिसमें यह भी कहा गया कि पटवारी एवं राजस्व निरीक्षक द्वारा उसके साथ ही शासन को भी भारी चपत पहुंचाई गई है लेकिन कोई कार्रवाई करने की जरूरत नहीं समझी गई। 
 

Created On :   27 Sept 2019 1:29 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story