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गफलतबाज पटवारी को नहीं मिली जमानत,11 सौ क्विंटल धान विक्रय का मामला
डिजिटल डेस्क , सतना। कोठी-मौहार की शासकीय खसरों में दर्ज 63 आरे आराजी को गिरदावरी में 63 हेक्टेयर का सत्यापन कर धान विक्रय का रजिस्ट्रेशन कराने के दर्ज जालसाजी के एक मामले में अदालत ने आरोपी पटवारी को जमानत देने से इंकार किया है। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश अनुराग द्विवेदी की कोर्ट ने धवारी निवासी हल्का पटवारी इंद्रप्रसाद प्रजापति पिता मुन्ना प्रजापति का अग्रिम जमानत आवेदन सुनवाई के बाद निरस्त कर दिया।
ये है मामला:-
एजीपी गिरजेश पांडेय ने बताया कि मौहार निवासी बृजेश सिंह ने आराजी खसरा नम्बर 114/1/5 रकवा 0.385 हेक्टेयर, 208/3 रकवा 0.347 तथा आराजी खसरा नम्बर 228/3 रकवा 63.00 हेक्टेयर का खसरा पेश कर फसल विक्रय का रजिस्टे्रशन कराया। गिरदावरी में पटवारी ने भी सम्पूर्ण रकवे में फसल का इंद्राज दर्ज कर सत्यापन किया, जिसके आधार पर फसल विक्रय का रजिस्टे्रशन सेवा सहकारी समिति मर्यादित कोठी में किया गया। इसी रजिस्टे्रशन के आधार पर 19 दिसम्बर 2021 को 6 सौ क्विंटल, 22 जनवरी 2022 को 500 क्विंटल धान विक्रय बृजेश सिंह को की गई। सहायक समिति प्रबंधक संजय कुमार द्विवेदी की सूचना पर कोठी थाना पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया। इसी मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए हल्का पटवारी द्वारा अग्रिम जमानत आवेदन पेश कर बताया गया कि उसके द्वारा कोई गफलत नहीं की गई है जो गलत रकवा दर्ज है वह गलत फीडिंग की वजह से दर्ज है। उसके द्वारा किसी भी प्रकार की मूल्यवान प्रतिभूति में परिवर्तन नहीं किया गया है। वहीं अभियोजन की ओर से यह तर्क रखा गया कि पटवारी के द्वारा मौके पर जाकर फसल का सत्यापन गिरदावरी के माध्यम से किया गया है। ऐसा मिली भगत करके अप्रत्यक्ष लाभ के लिए किया गया है। अदालत ने उभय पक्ष द्वारा प्रस्तुत तर्कों और पुलिस केस डायरी का सूक्ष्म परिशीलन कर मामले में चल रहे अनुसंधान को दृष्टिगत रखते हुए आरोपी पटवारी का जमानत आवेदन सुनवाई के बाद निरस्त कर दिया है।
Created On :   19 Jan 2022 4:24 PM IST