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जिला अस्पताल में पेयजल संकट... प्यास बुझाने हनुमान जी की शरण में मरीज और परिजन
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। मेडिकल कॉलेज से संबद्ध ६०० बिस्तरों वाले जिला अस्पताल परिसर में एक कुआ और दो बोर होने के बाद भी भर्ती मरीज पीने के पानी के लिए भटक रहे हैं। पांच मंजिला बिल्डिंग में सिर्फ दो वॉटर कूलर हैं। वह भी गरम पानी उगल रहे हैं। इस भीषण गर्मी में अस्पताल के गेट नम्बर एक के बाजू में स्थित अनगढ़ हनुमान मंदिर मरीजों की प्यास बुझा रहा है। वहीं गायनिक वार्ड में भर्ती मरीजों के परिजनों के लिए कोतवाली में लगा वॉटर कूलर सहारा बना हुआ है।
पांचवीं मंजिल स्थित मेडिकल वार्ड में भर्ती मरीजों के परिजन दिनभर हाथ में पानी की खाली बॉटल लिए भटकते देखे जा सकते हैं। पहली और तीसरी मंजिल में लगे वॉटर कूलर ठीक से काम नहीं कर रहे है। इनमें बेहद गर्म पानी आ रहा है, जिसे पीना मुश्किल है। पानी के लिए सिर्फ मरीज या उनके परिजन ही नहीं, बल्कि स्टाफ भी परेशान है। अस्पताल में पीने के पानी की व्यवस्था न होने से नर्सिंग, आया और चतुर्थ श्रेणी स्टाफ अपने घरों से पानी लाने मजबूर हैं।
पानी से उठ रही दुर्गंध-
तीसरी मंजिल स्थित एनआरसी कक्ष के बाहर एक वॉटर कूलर लगाया गया है। यहां पानी निकासी की जगह न होने से वॉटर कूलर के आसपास जमा पानी गंदगी में तब्दील हो गया है। उक्त पानी से उठ रही दुर्गंध मरीजों और परिजनों को मुंह व नाक बंद करने मजबूर कर रही है।
खरीदनी पड़ रही पानी की बोतल-
अस्पताल में पानी की व्यवस्था न होने से मरीजों के परिजन बाजार से पानी खरीदकर ला रहे है। आर्थिक रूप से कमजोर और दूरस्थ ग्रामीण अंचलों से आए मरीज के परिजन भरी दोपहर में पानी के लिए यहां-वहां भटकते रहते है।
मरीज के परिजनों का कहना...पानी के लिए पांच मंजिल नीचे आना पड़ रहा-
- पांचवीं मंजिल के मेडिकल वार्ड में हमारा पेशेंट भर्ती है। वार्ड या परिसर में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है इस वजह से पानी के लिए प्रथम तल पर जाना पड़ता है।
- दानवती बाई, परिजन
- गायनिक वार्ड में पेशेंट भर्ती है। पूरे अस्पताल परिसर में कही भी पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है। इस वजह से कोतवाली में लगे वॉटर कूलर से पानी ला रहे है।
- अमोल विश्वकर्मा, परिजन
क्या कहते हैं अधिकारी-
जिला अस्पताल में पीने के पानी की बेहतर व्यवस्था बनाई जा रही है। कुछ वॉटर कूलरों का मेंटेनेंस रह गया था। मेंटेनेंस के बाद सभी वॉटर कूलर स्थापित कर दिए जाएंगे।
- डॉ.शिखर सुराना, सीएस, जिला अस्पताल
Created On :   4 April 2022 2:14 PM IST