एक पखवाड़े बाद भी गोदामों में नहीं पहुंची 2.50 करोड़ की धान

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
उलझा नागरिक आपूर्ति निगम एक पखवाड़े बाद भी गोदामों में नहीं पहुंची 2.50 करोड़ की धान

डिजिटल डेस्क,कटनी। धान खरीदी के समय प्रशासन की किरकिरी कराने वाला नागरिक आपूर्ति निगम अभी भी खरीफ उपार्जन को लेकर सुस्त गति से कदम बढ़ा रहा है। जिसके चलते सैकड़ों किसान राशि पाने के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। यह विसंगति उपार्जन और स्वीकृत पत्रक के मिलान नहीं होने से निर्मित हुई है। जिसके चलते एक पखवाड़े के बाद भी गोदामों में करीब 2.50 करोड़ की धान नहीं पहुंची है और नोडल एजेंसी के अधिकारी-कर्मचारी हवा में ही बैठकर बातेें कर रहे हैं। खरीदी के जानकारों का कहना है कि यदि समय पर धान का हिसाब नहीं किया गया तो आगामी समय में इसका नुकसान सबसे अधिक उन अन्नदाताओं को उठाना पड़ेगा। जिन्होंने जरुरी कार्यों केे लिए शासन को उपज बेची थी। इस तरह के मामले भी कई बार सामने आ चुके हैं। नागरिक आपूर्ति निगम की लापरवाही के चलते किसानों को दो वर्ष बाद ही भुगतान मिला है।

सदस्यों का भटकाव

विभागीय सुस्ती की वजह से लोगों में भटकाव हो रहा है। दो वर्ष पहले कुछ समितियों की धान गोदाम में पहुंचने के बाद अमानक निकली। नागरिक आपूर्ति निगम ने तो कार्यवाही का डंडा चलाते हुए राशि जमा करा ली, लेकिन अभी तक खराब धान समितियों में नहीं पहुंची है। सिनगौड़ी का ही अमानक धान नान में जमा है, लेकिन अफसर इसका हिसाब नहीं कर पा रहे हैं। जिसके चलते समितियों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
यह है वर्तमान स्थिति, फिर भी गंभीर नहीं विभागीय अधिकारी जिले में इस बार 3 लाख 52 हजार 488 टन धान की खरीदी हुई है। जिसमें से तो 3 लाख 13 हजार टन अलग-अलग गोदामों या फिर ओपन कैप में पहुंच चुकी है। इसके अलावा इसी में से मिलर्स ने भी धान का उठावा किया है, लेकिन 11 सौ टन धान का हिसाब अभी नहीं मिल रहा है। पहले तो परिवहन का अड़ंगा रहा। जिसके चलते इसमें समय लगा। परिवहन का कार्य शत-प्रतिशत हो चुका है। इसके बावजूद नान हिसाब ही नहीं कर पा रहा है और यही परेशानी दूसरे विभागों के लिए भी मुसीबत बना हुआ है।

सीधा अन्नदाताओं को नुकसान, रुकेंगे काम

अफसरों और खरीदी केन्द्र प्रभारी के बीच गलबहियां का नुकसान अन्नदाताओं को उठाना पड़ रहा है। अन्नदाता राशि लेने पहुंचते हैं ता पता चलता है कि अभी स्वीकृति पत्रक ही तैयार नहीं हुआ है। इसके साथ राशि कम आने से भी किसानों को इधर-उधर भटकना पड़ता है। गेंहू उपार्जन की तैयारी में विभागी अधिकारी लगे हैं, दूसरी तरफ धान का ही पैसा नहीं मिल पा रहा है।

अफसर का इस मामले में नहीं मिला कोई जवाब

इस संबंध में नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक एन.एस पवार से बात की गई तो उनका मोबाइल ही कभी आऊट ऑफ कव्रेज तो कभी स्वीच ऑफ मिला। जिससे उनका पक्ष नहीं रखा जा सका। वहीं अन्य विभागों के अधिकारियों ने कहा कि यह मामला नोडल एजेंसी नान का ही है। इसलिए वहीं के अधिकारी और कर्मचारी अधिक जानकारी दे सकते हैं।
 

Created On :   3 Feb 2023 1:47 PM IST

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