बाहर के लोगों को गांव में घुसने नहीं दिया, कोरोना संक्रमण से पूरा गांव रहा सुरक्षित

Outside people were not allowed to enter the village, the whole village remained safe from corona infection
बाहर के लोगों को गांव में घुसने नहीं दिया, कोरोना संक्रमण से पूरा गांव रहा सुरक्षित
बाहर के लोगों को गांव में घुसने नहीं दिया, कोरोना संक्रमण से पूरा गांव रहा सुरक्षित



डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा।  बीते दो माह में जब अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों को जगह नहीं मिल रही थी। श्मशान घाट में शवों की कतार लगी थी, दूसरी ओर जिले के दूरदराज स्थित गांवों में लोग एक जुटकर होकर महामारी का रास्ता रोके खड़े थे। ग्रामीणों की एकजुटता और जागरूकता रंग लाई और दूसरी लहर में इन गांवों में लोग कोरोना के प्रकोप से पूरी तरह बच गए।
शासकीय रिपोर्ट के अनुसार जिले की 784 ग्राम पंचायतों में से 453 ग्राम पंचायतों में कोरोना संक्रमित मरीज नहीं मिले। 331 ग्राम पंचायत जहां मरीज मिले थे, उनमें से 281 ग्राम पंचायत अब कोरोना मुक्त हो चुकी हैं। कोरोना संक्रमण बढ़ते ही जिले के कई ग्राम पंचायतों ने अपने स्तर पर लॉकडाउन की घोषणा कर दी। वहीं गांव में नाकाबंदी कर बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी। लॉकडाउन के दौरान कई गांवों के लोग अपने घर और खेत तक ही सीमित रहे। गांव में पान ठेले और दुकानें भी बंद रही। लोगों ने दो माह तक बाल कटवाए न दाढ़ी बनवाई। कहीं सेनेटाइजर का छिड़काव हुआ तो लोगों ने नीम के पत्तों का धुओं किया।
हाट स्पॉट से 10 किमी दूर सुरक्षित रहा पांगड़ी
सौंसरत्न तहसील मुख्यालय से 16 किमी दूरस्थ अंचल में बसा ग्राम पांगड़ी कड़ी नाकाबंदी व ग्रामीणों की जागरूकता से कोरोना से पूरी तरह सुरक्षित रहा। कोरोना काल में हॉट स्पाट बने देवी से महज 10 किमी दूर यह गांव बसा है। 3870 की आबादी वाले गांव के 20 फीसदी परिवार टोला या खेतों में निवास करते हैं। देवी में कोरोना का कहर देखकर पांगड़ी पंचायत के पदाधिकारियों ने 10 मार्च के बाद से ही गांव में कड़ी नाकाबंदी कर दी। बहुत जरूरी काम होने पर ही लोगों को गांव से बाहर जाने की अनुमति दी जाती थी। इन लोगों का रिकार्ड भी रखा गया और उनके स्वास्थ्य की निगरानी भी होती रही। पंचायत सचिव हेमलता आहके बताती हैं कि ग्राम में निरंतर सफाई अभियान चलाया गया, ग्रामीणों को कोरोना से बचाव के लिए जागरूक करते रहे। समाजसेवी श्रीकृष्णा धुंडे का कहना है कि ग्रामीणों की स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता के चलते गांव में कोरोना नहीं पहुंच पाया। पंचायत समन्वयक अधिकारी घनश्याम डेहरिया बताते हंै कि सौंसर जनपद क्षेत्र में मालेगांव, जोबनी, आमला, घड़ेलामाल, देवली, अंबाड़ी, मेहंदी, गोंडीवाढोना, छिंदवानी में भी कोरोना का मरीज नहीं मिला।
पाठई और चिमनखापा में ग्रामीणों ने की निगरानी
पांढुर्नात्न ग्रामीणों की सतत निगरानी और जागरूकता के चलते पांढुर्ना विकासखंड के ग्राम पाठई और चिमनखापा में कोरोना वायरस दस्तक नहीं दे पाया। अब तक इन गांवों में एक भी कोरोना का मरीज नहीं मिला। ग्राम पंचायत पाठई में पाठई और सोनपठार शामिल हैं। इस ग्राम पंचायत की कुल आबादी 2480 है। सरपंच शीलाबाई मसराम और सचिव तुलसीराम धुर्वे ने कोरोना संक्रमण को रोकने गांव में बाहरी लोगों के आने पर प्रतिबंध लगाया। लॉकडाउन के दौरान बाहर से आने वाले और गांव से बाहर जाने वाले लोगों की निगरानी के लिए खुद ग्रामीण तैनात रहे। संक्रमण काल में यहां किसी भी परिवार में सार्वजनिक आयोजन नहीं हुआ। यहां अधिकांश लोगों ने मास्क के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन किया।
ग्रामीणों ने किया नियमों का किया पालन: ग्राम पंचायत चिमनखापा में चिमनखापा और भैसाडोंगरी गांव है। यहां की आबादी 1467 है। सरपंच बब्बू धुर्वे और सचिव अनंतराम नायक ने शासन-प्रशासन के नियमों का पालन कराने पंचायत के माध्यम से कार्ययोजना बनाई। लोगों को सामाजिक दूरी रखने और मास्क पहनने का महत्व समझाया। ग्रामीण स्वयं सतर्क और सजग रहे। सभी ने नियमों का पालन करते हुए कोरोना संक्रमण को मात दी। एक साल में यहां एक भी कोविड पॉजिटिव नहीं मिला।

Created On :   2 Jun 2021 11:32 PM IST

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