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चना फसल पर फफूंद, परेशान हो रहे किसान
डिजिटल डेस्क, खामगांव. खरीफ मौसम में वापसी में जोरदार हुई बारिश से फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ जिस कारण किसानों ने रबी फसलों से अपेक्षा कर रखी थी लेकिन चना व रबी मौसम की महत्व की फसलों पर भी बुरशीजन्य रोग का प्रादुर्भाव होने से किसान चिंताग्रस्त हैं। खामगांव तहसील में 8073 हेक्टर पर चने की बुअाई की गई हैं, चना फसल पर बुरशीजन्य रोग का प्रादुर्भाव नजर आया है। बुरशी के नियंत्रण के लिए किसानों से छिड़काव न कर आलवणी करने का आवाहन कृषि विभाग ने किया हैं। तुअर की फसल पर भी मर रोग नजर आया है, लेकिन उसका प्रमाण कम है। चने पर बुरशीजन्य मर रोग का प्रादुर्भाव नजर आ रहा है, खरीफ में जैसे सोयाबीन मुख्य फसल है, उसी तरह चना रबी की मुख्य फसल मानी गई है। कुछ किसानों को बुआई कर एक माह तो कुछ किसानों को 15 दिन हो गए हैं, जिस कारण चना फसल अच्छी तरह से बढ़ रही हैं, इस साल वापसी की बारिश अच्छी होने से जमीन गीली हैं। चने की बुआई करते जिन्होंने बीजप्रक्रिया नहीं की, ऐसे क्षेत्र पर बुरशीजन्य मर रोग का प्रादुर्भाव हुआ है। जिस जमीन में पानी जमा रहा था, उस जगह तुअर की फसल पर यह मर रोग था, अब चने पर भी यह प्रादुर्भाव है। ऐसे बुरशीजन्य मर रोग पर कीटनाशक, टॉनिक का छिड़काव करना गलत है। इस पर छिड़काव का उपयोग नहीं होता। पैसा, मेहनत एवं समय बरबाद होता हैं। इस लिए कृषि तज्ञों की राय से रोप के बुंड के समीप आलवणी करने का आव्हान कृषि विभाग ने किया हैं।
Created On :   13 Dec 2022 5:51 PM IST