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11.16 करोड़ के घोटाले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश
डिजिटल डेस्क,सिवनी। 279 जिंदा लोगों को मृत बताकर राहत राशि के नाम पर केवलारी तहसील में हुए 11.16 करोड़ रुपए के घोटाले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश हुए हैं। गुरूवार को जारी आदेश में मजिस्ट्रियल जांच के लिए तीन अधिकारियों की टीम का गठन किया गया है। जांच टीम का अध्यक्ष अपर कलेक्टर एवं अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी सुनीता खण्डायत को बनाया गया है,जबकि एसडीएम सिवनी अंकुर मेश्राम व जिला पंचायत के लेखाधिकारी हर्षित उइके सदस्य होंगे।
इस संबंध में जारी आदेश में कहा गया है कि सर्वसाधारण को सूचित किया जाता है कि कार्यालय तहसील केवलारी में हुए उक्त गबन के प्रकरणों से सम्बंधित मजिस्ट्रियल जांच से सम्बंधित किसी भी प्रकार की जानकारी, आपत्ति (मौखिक/लिखित दस्तावेज) होने पर कार्यालयीन दिवसों में अपर कलेक्टर न्यायालय में 12 दिसम्बर 2022 तक प्रस्तुत कर सकते है।
फरार बाबू का सुराग नहीं
इस घोटाले के मास्टर माइंड केवलारी तहसील में पदस्थ रहे फरार बाबू सचिन दहायत का गुरूवार को भी कोई सुराग नहीं लग पाया है। पुलिस उसकी पतासाजी में जुटी है। उसके रिश्तेदारों से भी पूछताछ कर पतासाजी के प्रयास किए जा रहे हैं। फरार बाबू ने अब तक अपना मोबाइल फोन चालू नहीं किया है। फरार होने के पहले उसकी अंतिम लोकेशन केवलारी रेस्टहाउस के पास ही पाई गई थी। सूत्रों के अनुसार पुलिस ने फरार बाबू की जबलपुर निवासी बहन के घर पर भी नजरें गड़ाए हुए है।
घोटाले के पैसे से खरीदी गई स्कार्पियो जब्त
इस सनसनीखेज मामले में गिरफ्तार कर रिमाण्ड पर लिए गए केवलारी निवासी रिश्ते के दो भाई श्रेष्ठ अवधिया व विशेष अवधिया को पुलिस शुक्रवार को न्यायालय में पेश करेगी। दोनों केवलारी में अलग-अलग निजी बैंक में कार्य करते हैं और पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर 5 दिन की रिमाण्ड पर लिया था। पुलिस ने दोनों से घोटाले से जुड़े कई साक्ष्य एकत्र किए हैं। इनमें श्रेष्ठ अवधिया द्वारा घोटाले के पैसे से पिछले माह ही खरीदा गया नया स्कार्पियो वाहन भी जब्त किया गया है। पकड़े गए दो अन्य संदिग्धों से भी गहन पूछताछ चल रही है। गुरूवार को भी एसडीओपी केवलारी भगत सिंह गोठरिया व टीआई किशोर बावनकर उनसे घंटों पूछताछ में जुटे रहे।
Created On :   25 Nov 2022 11:57 AM IST