अकोला मनपा के इतिहास में पहली बार ऑनलाइन 907 निर्माण नक्शे मंजूर

Online 907 construction maps were approved in Akola
अकोला मनपा के इतिहास में पहली बार ऑनलाइन 907 निर्माण नक्शे मंजूर
राहत अकोला मनपा के इतिहास में पहली बार ऑनलाइन 907 निर्माण नक्शे मंजूर

डिजिटल डेस्क, अकोला। महानगरपालिका का नगर रचना विभाग हमेशा ही बदनाम रहा है। नागरिक तथा व्यवसायियों के अथक प्रयासों के बाद भी निर्माण कार्य मंजूरी की फाइल त्रुटियों में उलझकर रह जाती थी। लेकिन अब हालात बदल गए है। मनपा आयुक्त कविता द्विवेदी के कड़े आदेशों व तत्परता की वजह से नक्शा मंजूरी के प्रकरणों को गति मिली है। बीपीएमएस ऑनलाइन प्रणाली के जरिए सालभर में 907 प्रकरणों को मंजूरी प्रदान की गई है। महानगरपालिका के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है।  पिछले तीन सालों में एक बार भी ऑनलाइन मंजूर प्रकरणों का आंकड़ा 500 के पार नहीं हो पाया था। दाखिल प्रकरणों में बड़ी मुश्किल से आधे प्रकरण मंजूर हो पाते थे।

मनपा क्षेत्र अंतर्गत घरेलू तथा कमर्शियल निर्माणों के लिए नगर रचना विभाग से निर्माण मंजूरी लेना आवश्यक होता है। नक्शा मंजूर कराने के बाद ही अधिकृत निर्माण कार्य करवाया जा सकता है, लेकिन मनपा के नगर रचना विभाग से नक्शा मंजूर कराना याने बहुत बड़ी जंग जैसा है। निर्माणकर्ता का आवेदन त्रुटियों में लटककर रह जाता है। निर्माण मंजूरी न मिलने से कई निर्माणकर्ता हताश होते रहे हैं। लेकिन जब से बीपीएमएस ऑनलाइन प्रणाली के तहत ही नक्शे मंजूर करने को लेकर तत्कालीन आयुक्त नीमा अरोरा ने कड़ा रूख अपनाया तब से नगर रचना में आसानी से नक्शा मंजूरी के काम होने लगे हैं। आयुक्त कविता द्विवेदी भी ऑनलाइन प्रणाली को लेकर गंभीर है, साथ ही जिस दिन का काम उसी दिन निपटने के उनके प्रयास से नक्शा मंजूरी के प्रकरणों को गति मिली है। निर्माण अनुमति, ले आऊट अनुमति, सबडिविजन अनुमति देने की कार्यवाही तेजी से हो रही है, जिससे नागरिक तथा व्यवसायियों ने राहत की सांस ली है। 

आय में इजाफा

संपत्ति कर वसूली के माध्यम से महानगरपालिका को सबसे अधिक आय प्राप्त होती है, लेकिन आय में नगर रचना विभाग की भी अहम भूमिका है। हर साल निर्माण मंजूरी से औसत 4 से 6 करोड़ की आय मनपा को प्राप्त होती रही है, लेकिन इस वर्ष इस आय में लगभग दोगुना इजाफा हुआ है। अब मनपा की ओर से गुंठेवारी प्रकरणों को मंजूर करने की तैयारी की जा रही है, जिससे आय में और इजाफा होगा।

ऑफलाइन तरीके से निर्माण मंजूरी के लिए दाखिल प्रस्तावों को लेकर आर्थिक लेन-देन तथा गलत प्रकरणों को मंजूरी प्रदान किए जाने की संभावना रहती है। जबकि ऑनलाइन कामकाज से पारदर्शकता बढ़ जाती है। इस कारण आयुक्त कविता द्विवेदी ने सालभर में एक भी ऑफलाइन प्रकरण मंजूर नहीं होने दिया। दाखिल किए गए 1186 प्रकरणों में से 907 प्रकरण ऑनलाइन मंजूर किए गए। 31 मार्च तक और प्रकरणों को मंजूरी दी जा सकती है। सन 2019-20 में 786 प्रकरण दाखिल हुए थे, जिसमें से 487 ऑफलाइन मंजूर किए गए। इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2020-21 में भी 648 प्रकरणों में से 315 को ऑफलाइन मंजूर किया गया।

सबडिविजन के 353 प्रकरण मंजूर

निर्माण नक्शों को तेजी से मंजूरी प्रदान की जा रही है। उसी प्रकार सबडिविजन याने उपविभाजन के सबसे अधिक 353 प्रकरण सालभर में मंजूर किए गए। सालभर में 468 ही प्रकरण दाखिल हुए थे। इसी प्रकार ले-ऑऊट अनुमति के दाखिल 148 प्रकरणों में से 42 को मंजूरी दी जा चुकी है। नगर रचना विभाग के कामों में आई इस गति से नागरिकों ने राहत की सांस ली है।

 

 

 

Created On :   20 March 2022 4:53 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story