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सोमवार की रात शराब बेचने के आरोप में उठाकर ले गई थी रामपायली पुलिस-
डिजिटल डेस्क, कटंगी। तहसील मुख्यालय कटंगी से करीब 30 किमी. दूर ग्राम सुकड़ी टेकाड़ीघाट में पूर्व जनपद सदस्य भरतलाल जामुनपाने ने रामपायली पुलिस की प्रताड़ना से तंग आकर अपने ही घर में फांसी के फंदे पर लटककर आत्महत्या कर ली है. यह आरोप मृतक के परिजनों ने लगाया है. इस घटना के बाद मंगलवार को टेकाड़ीघाट में पूरा दिन काफी तनाव की स्थिती देखी गई और परिजनों के साथ ग्रामीणों ने पूर्व बीडीसी के शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन किया देर शाम रामपायली पुलिस के दो आरक्षकों पर कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार किया. गांव में तनाव की स्थिती को देखते हुए सीएसपी बालाघाट, रामपायली, खैरलांजी, तिरोड़ी और कटंगी का पुलिस अमला गांव में तैनात किया गया था.
यह है पूरा मामला-
घटना रामपायली थाना क्षेत्र के सुकड़ी टेकाड़ीघाट की है. यहां पूर्व जनपद सदस्य भरतलाल जामुनपाने का मकान है जहां से सोमवार की देर रात रामपायली पुलिस के दो आरक्षक अंकुर नेवारे और यशवंत तेलासे (सिविल ड्रेस पहनकर आए थे) ने भरतलाल जामुनपाने को शराब बेचने के आरोप में घर से उठाया. जिसे रामपायली थाने ले जाया गया. भरतलाल के परिजनों का आरोप है कि थाने में थाना प्रभारी सुनील बनोरिया और दोनों ही आरक्षकों ने भरतलाल के साथ जमकर मारपीट की. वहीं शराब बेचने का आरोप लगाते हुए 1 लाख रुपए देने पर छोड़ने की बात कहीं. परिजनों ने यह भी बताया कि रात्रि में ही पुलिस को 50 हजार रुपए दिए गए तब पुलिस ने उन्हें छोड़ा और पुलिस ने यह भी धमकी दी कि मंगलवार की सुबह अगर बाकि के 50 हजार रुपए नहीं दिए तो आबकारी एक्ट की धारा 34 (2) की कार्रवाई कर दी जाएगी जिसके बाद 3 महीना जमानत नहीं होगी. भरतलाल को रात करीब 1 बजे घर लाकर छोड़ा गया. वहीं सोमवार और मंगलवार की दरम्यिनी रात्रि परिजनों ने उनका शव फांसी के फंदे पर लटका देखा. परिजनों का आरोप है कि पैसों की डिमांड और मार से अपमानित महसूस कर भरतलाल ने फांसी लगाकर जीवनलीला समाप्त कर ली.
शव का पीएम करने के बाद शुरू हुआ प्रदर्शन-
मंगलवार को जब पूर्व जनपद सदस्य के फांसी पर लटककर आत्महत्या करने की सूचना रामपायली पुलिस को मिली तो पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव बरामद किया और शव को पीएम के लिए ले जाने लगे लेकिन परिजनों ने विरोध शुरू कर दिया हालाकिं पुलिस ने जैसे-तैसे शव का रामपायली अस्पताल में पीएम करवाया और शव को सुकड़ीघाट लेकर आए. शव के गांव पहुंचते ही पुलिस के खिलाफ माहौल बन गया. परिजनों और ग्रामीणों शव को सड़क पर रखकर उन आरक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग शुरू कर दी. जिन आरक्षकों के द्वारा भरतलाल जामुनपाने को रात्रि के वक्त घर से उठाकर थाने ले जाया गया था. करीब 10 घंटे तक यहां विरोध प्रदर्शन चलते रहा शाम को परिजनों ने दो पुलिस आरक्षकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए आवेदन करने के बाद शव का अंतिम संस्कार किया.
शराब ठेकेदार की भूमिका भी संदिग्ध-
पूर्व जनपद सदस्य की मौत के मामले में सोम कंपनी के शराब ठेकेदार की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है. जैसा कि परिजनों ने बताया कि पुलिस जब रात्रि में भरतलाल जामुनपाने को घर छोड़ने के लिए आई तब शराब ठेकेदार के कुछ कर्मचारी भी पुलिस के साथ मौजूद थे. गौरतलब हो कि शराब दुकान के ठेकेदार शराब की ब्रिकी बढ़ाने के लिए गांव-गांव में देशी-विदेशी शराब बिकवाते है और जो लोग देशी-विदेशी शराब बेचने की बजाए हाथ भट्टी की कच्ची शराब विक्रय करते है ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पुलिस को प्रेरित करते है जिसके एवज में पुलिस को महीना (रिश्वत) देते है. सूत्रों की माने तो भरतलाल जामुनपाने को भी पुलिस शराब ठेकेदार के कहने पर ही उठाकर ले गई थी और पुलिस ने शराब ठेकेदार के कर्मचारियों के सामने ही उसे जलील करते हुए मारपीट किया था जिससे क्षुब्ध होकर घर पहुंचने पर भरतलाल ने आत्महत्या कर ली.
आशुतोष बिसेन ने थाना प्रभारी पर कार्रवाई की रखी मांग-
पूर्व जनपद सदस्य की आत्महत्या की जानकारी मिलने और गांव में हो रहे प्रदर्शन की सूचना मिलने पर मध्यप्रदेश असंगठित कामगार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष बिसेन भी मौके पर पहुंचे. जिन्हें परिजनों ने पूरे घटनाक्रम को विस्तार से बताया. इस पूरे मामले के बाद आशुतोष बिसेन ने थाना प्रभारी रामपायली सुनील बनोरिया और आरक्षक आरक्षक अंकुर नेवारे और यशवंत तेलासे पर धारा 304 के तहत मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है. उन्होनें कहा कि समुचे प्रदेश की तरह बालाघाट जिले की पुलिस भी गरीबों को प्रताड़ित कर रही है झूठे मुकदमे दर्ज कर पैसों की मांग कर रही है. भरतलाल जामुनपाने ने पुलिस की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या जैसा कदम पुलिस की प्रताड़ना से व्यथित होकर ही उठाया है. ऐसे में दोषी पुलिस कर्मचारियों पर कार्रवाई की आवश्यकता है. उन्होनें कहा कि शराब ठेकेदार गांव-गांव में शराब की ब्रिकी करवा रहे है और पुलिस ठेकेदार के ईशारों पर कठपुलती की तरह काम कर रही है.
धारा 34(2) का डर बनाकर पुलिस कर रही वसूली-
एक तरफ सुप्रीम कोर्ट देश में पुलिस द्वारा राजद्रोह जैसे कानून के दुरूपयोग को लेकर चिंतित है और इसके इस्तेमाल पर फिलहाल रोक लगा दी गई है वहीं बालाघाट जिले में पुलिस आबकारी एक्ट की धारा 34 (2) का खुलकर फायदा उठा रही है. पुलिस ग्रामीण अंचलों में कच्ची शराब बेचने वाले लोगों को पकड़कर लाती है और आरोपी को खुब डरा-धमका करती है. वहीं धारा 34(2) में तीन महीने जेल भेजने की धमकी तक देती है और जब आरोपी डर जाता है तो पुलिस अपने मनमुताबिक पैसों की डिमांड करती है. रामपायली थाना प्रभारी के बारे में एक चर्चा यह है कि वह शराब बेचने वाले आरोपी से 50 हजार रुपए की मांग करते है. खैर, पुलिस धारा 34 (2) का जमकर फायदा उठा रही है इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता.
Created On :   19 May 2022 11:46 AM IST