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पुराने टेबलेट अलमारियों में बंद, नए खरीदने की तैयारी
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। समग्र शिक्षा अभियान वार्षिक कार्ययोजना के अंतर्गत जिले के ३१० हाई-हायर सेकेंडरी स्कूलों में टेबलेट उपकरण खरीदने की तैयारी चल रही है। इन स्कूलों में दर्ज संख्या के आधार पर टेबलेट खरीदने का आदेश दिया है जिसके पीछे मुख्य वजह कोविड-१९ को बताया जा रहा है। विभाग की मंशा है कि ऑन लाइन पढ़ाई के लिए यह टेबलेट काम आएंगे। यह तो हुई वर्ष २०२१-२२ के लिए जिसमें ३१० हाई-हायर सेकेंडरी स्कूलों में लाखों रुपए खर्च करके टेबलेट खरीदे जा रहे है। लेकिन इसके ठीक ढाई साल पहले भी शिक्षा विभाग ने जिले के २०० प्राथमिक शासकीय स्कूलों में टेबलेट खरीदी करने में लाखों रुपए खर्च किए थे। यहां भी विभाग की मंशा नवाचार करते हुए बच्चों में पढ़ाई की ललक बढ़ाने और ऑन लाइन पढ़ाई से जोडऩा था लेकिन इन टेबलेटों को फिलहाल अलमारी में बंद करके रख दिया गया है। जिन प्राथमिक स्कूलों में इन टेबलेटों को बांटा गया है उनके पास जवाब नहीं है कि फिलहाल यह टेबलेट किस हालत में है। हालांकि शिक्षक ही इस बात को स्वीकार चुके है कि यह टेबलेट खराब हो गए है और कई सालों से इन्हें अलमारी में बंद कर दिया है या फिर कुछ शिक्षक अपने घर लेकर चले गए है।
२. टेबलेट खरीदी में इस बार यह हो रहा
जिले के ३१० हाई-हायर सेकेंडरी स्कूल चिन्हित
जिले के ३१० हाई-हायर सेकेंडरी स्कूलों का चयन टेबलेट खरीदी के लिए हुआ है। ऑनलाईन शैक्षणिक सामग्री की व्यापक उपलब्धता तथा शैक्षणिक मोबाइल एप के उपयोग करने की दृष्टि से छात्र संख्या के आधार पर टेबलेट लिए जा रहे है। १५ हजार रुपए के अधिकतम राशि का टेबलेट खरीदना है इसके लिए प्राचार्यो को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
तय नहीं आगे क्या करना
इस मामले में शिक्षक और प्राचार्यों से चर्चा की गई थी जहां पर ऑनलाइन पढ़ाई करने के लिए टेबलेट लेने की बात कहीं गई। यहां पर ना तो अधिकारी इस बारे में कुछ बता पाए और ना ही शिक्षक इसके उपयोग की जानकारी दे पा रहे थे।
खरीदी के लिए चल रही सेटिंग
३१० शासकीय स्कूलों में चल रही खरीदी के मामले में कुछ फर्म सक्रिय हो गई है। यहां पर जिन स्कूलों में टेबलेट की खरीदी होना है उन्हें प्राचार्यों तक पहुंचाया जा रहा है। इतना ही नहीं शहर की दो फर्म इस मामले में सीधे तौर पर स्कूलों तक पहुंच रही है।
इनका कहना है
- शासन के निर्देश अनुसार समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत टेबलेट खरीदना है। इसके लिए शासन के निर्देशों का पालन किया जा रहा है।
- अरविंद चौरगड़े, जिला शिक्षा अधिकारी
२. ढाई साल पहले प्राथमिक स्कूलों में ऐसा हुआ था
प्राथमिक स्कूलों में इसलिए हुई थी सप्लाई
एक जीबी रेम के इस टेबलेट में पहली से पांचवी तक की तीन विषयों की कुल २५० किताब यानि पाठ्यक्रम विषय रखा गया था। टेबलेट में शिक्षक जो पढ़ाई कराते है उसके बाद बच्चे ने कितना पढ़ा है इसके सवाल-जवाब भी टेबलेट के जरिए करना था।
प्राथमिक स्कूलों में यह बंटे थे टेबलेट
जिले के चार विकासखंडों के चालीस स्कूलों का चयन इस योजना के लिए किया गया था। शिक्षा विभाग से मोहखेड़, छिंदवाड़ा और ट्रायबल विभाग से तामिया और बिछुआ स्कूल शामिल किए गए थे। इन स्कूलोंं में पढऩे वाले २५ विद्यार्थियों के बीच में एक टेबलेट दिया जाना तय हुआ था।
इनका कहना है
- स्कूलों में टेबलेट दिए गए है इसकी जानकारी संबंधित एपीसी से मांगी जाएगी। इसके बाद ही कुछ कह सकते है।
- जे.के.इरपाची, डीपीसी, जिला शिक्षा केन्द्र
Created On :   29 Jan 2022 2:19 PM IST