टेंबे गणराज के चरणों में अर्पण करें पेन -कॉपी -किताबें, बप्पा करेंगे जरूरतमंद बच्चों की मदद

Offer pen-copy-books at the feet of Tembe Ganraj, Bappa will help the needy children
टेंबे गणराज के चरणों में अर्पण करें पेन -कॉपी -किताबें, बप्पा करेंगे जरूरतमंद बच्चों की मदद
जानिए-क्या है 122 साल की अनूठी परंपरा टेंबे गणराज के चरणों में अर्पण करें पेन -कॉपी -किताबें, बप्पा करेंगे जरूरतमंद बच्चों की मदद

डिजिटल डेस्क, बीड, सुनिल चौरे पुजारी। जिले के माजलगांव में 122 साल की अनूठी पंरपरा आज भी जारी है। यहां मंगलवार को निजाम काल के टेंबे गणराज की ईको फ्रेंडली मूर्ती की स्थापना मंगलवार की गई। इस मौके पर संस्था के अध्यक्ष अंनता देवा जोशी ने अपील की है कि जो भक्त भगवान के दर्शन के लिए आएं, तो पेन - काफी सहित शैक्षणिक सामग्री भगवान के चरणों में अर्पण करें, ताकी जरुरतमंद बच्चों की मदद की जा रहे। 

Ganpati Bappa Mantra for Wealth Business Illness etc Chant these mantras -  Ganpati Bappa Mantra: धन प्राप्ति, रोग से बचने आदि के लिए गणेश जी के इन  मंत्रों का करें जाप

आयोजन के दौरान पर्यावरण प्रेमी और भक्तों में खासा उत्साह देखा गया है। माना जाता है कि भक्तों की मुराद टेंबे भगवान गणराज की आराधना भर से पूरी हो जाती है। इसलिए इसे मन्नत पूरी करनेवाले टेंबें भगवान गणराज भी कहते हैं। 

122 साल पहले टेंबे गणराज की शोभायात्रा को लेकर निजाम से अनुमती मांगी गई थी। तब भक्त घोड़े पर सवार होकर हैदराबाद से पंजीकरण कर अनुमती लाए थे। तब से भाद्रपद एकादशी के दिन टेंबे गणराज की स्थापना की जाती है। भक्त उसी परंपरा को कायम रखते हुए हर साल बप्पा की स्थापना करते हैं। भगवान टेंबे गणराज के दर्शन के लिए महाराष्ट्र सहित देशभर से भक्त यहां आते हैं।

और मशाल जलती रही - A hindi Historical Fiction series by Karunashri -  Kahaniya

इसलिए गणराज को टेंबे कहा जाता है 

साल 1901 में गणराज की शोभायात्रा के समय बिजली की सुविधा नहीं थी। शोभायात्रा के समय अंधेरा रहता था, ऐसे में रौशनी के लिए भक्त मशाल का इस्तेमाल करते थे। लकड़ी पर कपड़ा लिपटाकर उसपर तेल डाला जाता था। फिर आग लगा टेंबा किया जाता था। तब से टेंबे गणराज कहते हैं।

 

 

Created On :   6 Sept 2022 6:52 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story