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सिटी अस्पताल के संचालक मोखा व देवेश पर एनएसए
डिजिटल डेस्क जबलपुर। कोरोना संक्रमितों को नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगवाने के मुख्य आरोपी व सिटी हॉस्पिटल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा तथा यहाँ कार्यरत फार्मासिस्ट देवेश चौरसिया पर लगे एनएसए को हाईकोर्ट के एडवाइजरी बोर्ड ने कन्फर्म कर दिया है। इस दौरान मोखा ने अपने बचाव में कई तरह की दलीलें दीं, लेकिन पुलिस एवं प्रशासन ने एडवाइजरी बोर्ड में जिस तरह से अपना पक्ष रखा, उससे इन दोनों के एनएसए को 3 माह के लिए कन्फर्म कर दिया गया है। वहीं एसआईटी द्वारा गुजरात के मोरबी, सूरत व इंदौर से लाए गए आरोपियों को आज पुलिस रिमांड के लिए न्यायालय में पेश किया जाएगा। इनसे भी पूछताछ में इंजेक्शनों के गोरखधंधे के कई राज खुल सकते हैं।
10 मई को किया था गिरफ्तार
पुलिस सूत्रों के अनुसार मोखा एवं उसके साथियों ने हॉस्पिटल में लगभग 209 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन खपाए थे। जिसके चलते नौ मरीजों की मौत होने की बात सामने आई थी। यह मामला उजागर होने के बाद पुलिस ने मोखा, देवेश, सपन व सुनील मिश्रा के खिलाफ 10 मई को प्रकरण दर्ज किया था। इसके बाद पुलिस ने मोखा को 11 मई को सिटी हॉस्पिटल से गिरफ्तार कर उसके खिलाफ एनएसए की कार्रवाई करते हुए वारंट भी तामील कराया। इसके पश्चात उसे जेल भेज दिया गया और पुलिस ने देवेश के खिलाफ भी एनएसए की कार्रवाई कर इन दोनों के खिलाफ 3-3 माह का एनएसए किया था।
पूछताछ में खुलेंगे और भी राज
जानकारों की मानें तो गुजरात के मोरबी पहुँची एसआईटी की टीम बुधवार को जबलपुर पहुँची। पुलिस की टीम वहाँ से भगवती फार्मा के संचालक सपन जैन, इंदौर में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की डिलेवरी देने वाले रीवा निवासी सुनील मिश्रा और सूरत में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाले कौशल वोरा एवं पुनीत शाह को बुधवार को प्रोडक्शन वारंट पर लेकर पहुँची। शहर पहुँचने के बाद चारों आरोपियों का विक्टोरिया अस्पताल में मेडिकल परीक्षण कराया गया। इसके बाद चारों को थाने ले जाया गया। गुरुवार को पुलिस चारों आरोपियों को न्यायालय में पेश करेगी, जहाँ से उनकी पुलिस रिमांड ली जाएगी। इन आरोपियों से पूछताछ में भी इंजेक्शनों के गोरखधंधे और भी कई राज खुलेंगे।
Created On :   16 Jun 2021 10:06 PM IST