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महंगाई की आग में मकान का सपना खाक... लोहा पहले ही गर्म, अब सीमेंट के दाम ५० से ७० रुपए तक उछले
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। लोहे में डेढ़ से दो हजार रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी ने पहले ही मकान बनाने वालों को हिला रखा है। अब सीमेंट भी उसी राह पर चल पड़ी है। पिछले तीन-चार दिनों में सीमेंट के दाम में अचानक उछाल आया है। सीमेंट के बड़े ब्रांड में ५० से ७० रुपए प्रति बैग की बढ़ोतरी हुई है। जबकि मीडियम ब्रांड में २० से ३० रुपए प्रति बैग दाम बढ़े हैं। सीमेंट के भाव में अभी और उछाल आने की उम्मीदें जताई जा रही हैं। अपने सपनों के घर का ढांचा खड़ा करना ही नहीं बल्कि फिनिसिंग मटेरियल के दाम भी १५ से २० प्रतिशत तक बढ़ चुके हैं। बिल्डिंग मटेरियल में लगी महंगाई की आग ने लोगों का अपने मकान का सपना फिलहाल खाक कर दिया है।
लोहा: पिछले हफ्ते उतरा, अब फिर चढ़ा:
पिछले दो माह से लगातार तप रहे लोहे के भाव में पिछले हफ्ते कुछ नर्माहट आई थी। भाव गिरकर ७४ सौ से ७५ सौ रुपए प्रति क्विंटल पर आ गए थे। इस सप्ताह फिर उछाल आ गया। अभी भाव चढक़र फिर ७६ सौ से ७७ सौ रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गए हैं। बड़े ब्रांड के भाव ८ हजार रुपए प्रति क्विंटल से ज्यादा पहले ही बने हुए हैं।
सीमेंट: बड़े ब्रांड में ५० से ७० रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी ने सभी को चौंका दिया है। अब तक ३५० रुपए प्रति बैग बिकने वाली सीमेंट ४२० रुपए प्रति बैग तक पहुंच गई है। हालांकि मध्यम व छोटे ब्रांड में अभी इतना इजाफा नहीं हुआ है। इन ब्रांड में २० से ३० रुपए प्रति बैग ही बढ़ोतरी हुई है।
अन्य मटेरियल: अप्रैल की पहली तारीख से बिल्डिंग के बाकी मटेरियल के दामों ने भी गति पकड़ ली है। टाइल्स में ५ से १५ प्रतिशत तक दाम बढ़े हैं। ज्यादा जरूरी सेनेटरी और प्लंबिंग की सामग्री के दामों में १५ से २० प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है। सेनेटरी और प्लंबिंग में एक लाख तक का बजट रखने वालों को सवा लाख रुपए तक खर्च करने पड़ रहे हैं।
असर... कंस्ट्रक्शन फील्ड घाटे में, निर्माण कार्य ठप:
१- जिले में प्राइवेट कॉलोनियों समेत दो हजार से ज्यादा निजी मकानों के निर्माण का अनुमान है। मटेरियल के दाम बढऩे का असर इन सभी पर पड़ रहा है।
२- ढाई लाख रुपए में पीएम आवास योजना के मकान बनना कठिन हो गया है। बीएलसी के ३ हजार मकानों का निर्माण होना है। निगम के सातवें डीपीआर में करीब १ हजार मकान बनना शेष है। जबकि आठवीं डीपीआर में करीब २ हजार मकानों का निर्माण कतार में हैं।
३- जिले में सैकड़ों करोड़ के सरकारी भवनों के निर्माण चल रहे हैं। लोहा सीमेंट के दाम बढऩे पर इन भवनों, पुल-पुलियाओं के निर्माण पर भी असर पड़ रहा है। एस्टीमेट बिगड़ गया है।
व्यापारी खुद अचरज में:
दामों में एक दम से अप्रत्याशित उछाल समझ से बाहर है। मकान बनाने वालों का बजट बिगड़ गया है। दामों की घट-बढ़ से रिटेलर भी परेशान हैं। जिस तरह से दाम बढ़ रहे यह चोर बाजारी की ओर इशारा कर रहे हैं।
-नीलू शर्मा, लोहा, व्यवसायी
पिछले तीन-चार दिनों में अचानक सीमेंट के दाम बढ़े हैं। कच्चे माल का शार्टेज बताया जा रहा है। आगे और बढ़ोतरी के आसार जताए जा रहे हैं। दाम बढऩे से व्यापार फिलहाल प्रभावित है।
Created On :   15 April 2022 5:55 PM IST