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अब धीरे-धीरे काम पर लौट रहे कर्मचारी, सड़क पर उतरी रापनि की 35 बसेें
डिजिटल डेस्क, अकोला। शासन में एसटी बस के विलीनीकरण की मांग को लेकर रापनि की कर्मचारी की ओर जारी आंदोलन के बीच अब बससे शुरु होने की संख्या भी अधिक हो गई है। क्योंकि अब धीरे धीरे रापनि कर्मचारी ड्यूटी पर लौटते नतर आ रहे हैं। 2300 के करीब कर्मचारी आंदोलन में बैठे हुए थे अब इनमें से शामिल कर्मचारी काम पर लौटे हैं। जिस कारण जिले में 35 बसेस रास्ते पर दौड़ने की जानकारी विभाग नियंत्रक कार्यालय की ओर से दी गई है। यह बसेस अकोला से वाशिम, मलकापूर, कारंजा, अमरावती, अकोट आदि शहरों के लिए रवाना की जा रही है। राज्य परिवहन महामंडल के अकोला विभाग के कर्मचारियों ने बंद पुकरा जिस कारण विभाग अंतर्गत आनेवाले अकोला व वाशिम के सभी डिपो गत 3 माह से बंद है। वेतन व दिवाली के बोनस समेत एसटी कर्मचारियों का शासन में विलीनिकरण करने समेत विविध मांगों को लेकर रापनि कर्मचारियों का आंदोलन जारी है। जिले के मुख्य आगर समेत तहसील के बस स्थानकों पर कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से नवम्बर माह की शुरआत से ही सभी बस डिपो बंद है। रापनि बस का राज्य सरकार में विलीनीकरण किया जाए व अन्य मांगों के लिए जारी एसटी कर्मचारियों के आंदोलन की वजह से जिले के अकोला विभाग के सभी बस स्थानकों पर रापनि की व्यवस्था ठप पड़ गई है। बस सेवाए बंद होने की वजह से आम नागरिकों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है। जिलों में बस कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से बस सेवा पूरी तरह बंद है जिस कारण यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बससे बंद होन की वजह से यात्रियों को निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है। इस कारण नागरिकों को आर्थिक रुप से भी परेशान होना पड़ रहा है। किन्तु कुछ कर्मचारियों के काम पर लौटने व पर्यायी व्यवस्था होने से रापनि के अकोला विभाग में बसों की आवाजाही आरंभ हो गई है। फिल्हाल 35 बसेस शुरु होन की जानकारी मिली है।
बसों की संख्या कम, यात्रियों को निजी वाहनों का सहारा
विगत 3 माह से बस सेवाएं बंद होने से निजी वाहनों की चांदी होती नजर आ रही है। यह निजी वाहन संचालक बस स्थानक के आसपास अपनी गाडि़यों को खड़ी कर रहे हैं तथा बस स्थानक से यात्रियों को खिंचकर लाते नजर आ रहे हैं। जिस कारण भारी नुकसान रापनि को सहना पड़ रहा है। वहीं निजी बस चालक नागरिकों से भारी संख्या में टिकट किराया वसूल रहे हैं। हालांकि 35 बसे शुरु कर दी गई हैं किन्तु यह व्यवस्था काफी कम होने से मुसाफिरों को अब भी निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है।
Created On :   8 Feb 2022 5:57 PM IST