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अब घर-घर जाकर वन विभाग बाघ से बचने के सिखाएगा गुर
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डिजिटल डेस्क, नागपुर । लगातार मानव व वन्यजीवों में होनेवाली संघर्ष के कारण अब वन विभाग ने एक नई तरकीब निकाली है। बाघ से बचने के गुर सिखाने के लिए वन विभाग अब घर-घर जाकर प्रशिक्षण देने वाला है। नागपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत कुल 533 गांव इसमें शामिल हैं। जिसमें 23 हजार परिवार शामिल हैं। मानव-वन्यजीव में होनेवाले संघर्ष् को लेकर वन विभाग ने नागपुर विभाग अंतर्गत कुछ महीने पहले ही पीआरटी ( प्राइमरी रिस्पोस टीम) तैयार कर चुकी है। लगभग 100 लोगों की टीम नागपुर के अलावा यवतमाल, पवनी और भंडारा में सक्रिय रहेगी।
उल्लेखनीय है कि लगातार वन क्षेत्र कम होने से वन्यजीव गांव की दहलीज तक पहुंच रहे हैं। कई बार बुनियादी सुविधाओं का अभाव रहने से इंसान वन परिक्षेत्र में लकड़ी आदि के लिए घुसपैठ कर रहा है। जिससे आये दिन मानव वन्यजीवों में संघर्ष की स्थिति पैदा हो रही है। इससे कई बार वन्यजीव ग्रामीणों की मौत के लिए जिम्मेदार रहते हैं। परिणामस्वरूप गांव मेैं रहनेवालों के लिए इन वन्यजीवों के प्रति लगाव नहीं रहता है। संघर्ष की स्थिति में कई बार लोग वन्यजीवों को मारने में ही समझदारी समझते हैं। यह स्थिति पूरे राज्य में है। नागपुर विभाग की बात करें तो वन विभाग ने हाल ही में पीआरटी टीम तैयार की है। जो नागपुर समेत उक्त तीन जिलों में सक्रिय रहेगी।
वन्यजीवों से आमना-सामना होने पर क्या करना चाहिए, इस बारे में पूरी तरह से जानकारी रखनेवाली यह टीम हर गांव में समय पर पहुंच पायेगी यह संभव नहीं है। ऐसे में किसी भी तरह मानव-वन्यजीव का संघर्ष पूरी तरह से खत्म करने के उद्देश्य से अब नागपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत घर-घर जाकर लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। नागपुर वन विभाग (प्रादेशिक) की बात करें तो दक्षिण उमरेड, उत्तर उमरेड, नरखेड, कोंढाडी, काटोल, हिंगणा, देवलापार, पारशिवनी, रामटेक, पवनी, कलमेश्वर, सेमिनरी हिल्स, बुट्टीबोरी, खापा आदि इलाके आते हैं। जिनके आस-पास बड़ी संख्या में गांव बसे हैं। इन गांवों में आये दिन वन्यजीव-मानव संघर्ष की स्थिति बनती रहती है। ऐसे 523 गांव को चुनकर वन विभाग अचानक आमना-सामना होने पर वन्यजीवों से कैसे बचें इस बारे में प्रशिक्षण देगा।
शाकाहारी वन्यजीवों के अलावा बाघ, तेंदुए भी गांव में आ रहे हैं। जिससे वन्यजीव मानव के बीच संघर्ष की स्थिति बढ़ रही है। ऐसे में अब वन विभाग 533 गांव में घर-घर जाकर वन्यजीवों से बचने गुर सिखा रही है। इसका काम भी शुरू हो गया है।
डॉ. प्रभुनाथ शुक्ला, डीएफओ, नागपुर वन (प्रादेशिक)
Created On :   26 Feb 2020 3:19 PM IST