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अब मार्कशीट में फेल, कंपार्टमेंट नहीं लिखेगा सीबीएसई
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डिजिटल डेस्क, नागपुर। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन बोर्ड (सीबीएसई) ने अपनी परीक्षा प्रणाली में एक बड़ा बदलाव लाने की तैयारी की है। सीबीएसई विद्यार्थियों की मार्कशीट से "फेल और कंपार्टमेंट" शब्द हटाने का विचार कर रहा है। सीबीएसई का तर्क है कि फेल और कंपार्टमेंट जैसे शब्दों से विद्यार्थियों की मनोस्थिति पर बुरा प्रभाव पड़ता है और उनका आत्मविश्वास गिरता है। फेल या कंपार्टमेंट की जगह नए सकारात्मक शब्द इस्तेमाल किए जाएंगे। वे नए शब्द कौन से होने चाहिए, इस पर सीबीएसई ने नागपुर समेत देश भर के तमाम स्कूल प्राचार्यों और अपने क्षेत्रीय कार्यालयों से सुझाव मंगाए हैं। सभी सुझावों पर गौर करने के बाद सीबीएसई नए शब्दों का अपनाएगा। सीबीएसई का यह निर्देश तब सामने आया है, जबकि कुछ ही दिनों में बोर्ड की परीक्षाएं शुरू होने वाली है। 12वीं की बोर्ड परीक्षा 15 फरवरी से शुरू होकर 30 मार्च तक चलेगी। 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा 15 फरवरी से 20 मार्च तक चलेगी।
सकारात्मक शिक्षा प्रणाली पर जोर
उल्लेखनीय है कि बीते कुछ समय से सीबीएसई विद्यार्थियों के सकारात्मक व्यक्तित्व विकास पर जोर दे रहा है। इसके लिए सॉफ्ट स्किल्स से जुड़े विविध उपक्रम चलाए जा रहे हैं। कुछ ही दिनों पूर्व विद्यार्थियों में सकारात्मक और रचनात्मक दृष्टिकोण विकसित करने की दृष्टि से सीबीएसई ने अपने सभी स्कूलों में खुशनुमा वातावरण तैयार करने को कहा है। सीबीएसई ने स्कूलों को -"एंगर फ्री जोन" बनाने को कहा है, जहां शिक्षक, स्टॉफ और पालक सभी अपने गुस्से पर नियंत्रण स्थापित करने का पूरा प्रयास करेंगे। स्कूलों को प्रतिदिन एक पूरा पीरियड स्वास्थ्य व शारीरिक शिक्षा के लिए देना होगा। इसमें विद्यार्थियों को विविध प्रकार से कलात्मक गतिविधियों में शामिल करना होगा।
सोशल मीडिया पर अनुभव भी साझा करेंगे
सीबीएसई ने स्कूलों को अपने कैंपस में साइनबोर्ड लगाने, शिक्षकों को मेंटॉर बनाने और विद्यार्थियों के साथ विविध रचनात्मक कार्यों में शामिल करने को कहा है। इसके साथ ही स्कूलों को सोशल मीडिया पर #cbsenoanger के हैशटैग चला कर अपने अनुभव साझा करने को भी कहा है। ऐसा विद्यार्थियों के मन से डर, घृणा, अनादर और आघात जैसी भावनाएं दूर करके उनकी क्षमताओं को विकसित करने के उद्देश्य से किया जा रहा है। सीबीएसई को उम्मीद है कि इस प्रयास से विद्यार्थियों की मानसिक क्षमताएं बढ़ेंगी और वे भावनात्मक रूप से सदृढ़ होंगे।
Created On :   11 Feb 2020 3:05 PM IST