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एक स्कूल ऐसा भी : छात्र खुद शिक्षक बनकर पढ़ाने को मजबूर
डिजिटल डेस्क,डिंडौरी। करंजिया विकासखंड के ग्राम परसेल में एक भी शिक्षक नहीं होने के कारण यहां विद्यार्थी खुद शिक्षक बनकर किसी तरह अपनी पढ़ाई कर जूनियर बच्चों को भी पढ़ा रहे हैं। आदिवासी बाहुल्य जिले में शिक्षा से जुड़े अनेक ऐसे मामले सामने आते है जिसमें जिले के शिक्षा स्तर की पोल खुलती चली जा रही है। कहीं जर्जर स्कूल तो कहीं शिक्षकों की कमी आम समस्या बन चुकी है। वहीं अब ऐसे भी हालात सामने आए है जहां विद्यार्थियों को खुद शिक्षा ग्रहण करने के लिए शिक्षक बनना पड़ रहा है और वे कक्षा 6वीं से लेकर 8वीं तक आपसी समन्वय से पाठ्यक्रम को पूरा करने में लगे हुए है।
दरअसल मामला करंजिया विकासखंड के ग्राम परसेल का है। जहां पर नए शिक्षा सत्र 2017-18 की शुरूआत जुलाई माह में हुई और यहां पिछली दर्ज संख्या के आधार पर कक्षा 6वीं से आठवीं तक 66 विद्यार्थी शिक्षा के लिए दाखिल हुए है। यहां नए दाखिला के मामले में प्राथमिक शाला से नामांकित विद्यार्थी आगे आए हैं। इन दर्ज विद्यार्थियों का दुर्भाग्य है कि यहां पर उन्हें शिक्षा देने के लिए कोई भी शिक्षक या स्कूल स्टॉफ मौजूद नहीं है। पिछले दो माह से निरंतर विद्यार्थी अपने समय पर शाला आ रहे हैं और शिक्षक विहीन इस स्कूल में आपसी समन्वय से पढ़ाई कर रहे हैं। समय पर शाला लगती है और समय पर ही शाला छूटती है वहीं प्रार्थना से लेकर पाठ्यक्रम पूरा कराने और पाठ्यक्रम पूरा न करने पर सजा का भी प्रावधान में आपस में ही बांट लिया जाता है। शिक्षकों न होने को लेकर इस माध्यमिक शाला में ग्रामीणों ने बीईओ से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों व सीएम हेल्पलाइन में भी आवेदन दिए है, लेकिन अभी तक यहां कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
कम हो रहे विद्यार्थी
बताया जा रहा है कि परसेल माध्यमिक शाला में विद्यार्थियों की संख्या इस साल अपेक्षाकृत कम है। जिसकी मुख्य वजह शिक्षकों का न होना है। यहां पर 66 विद्यार्थी है जिनमें सर्वाधिक 34 विद्यार्थी कक्षा 8वीं में अध्ययनरत है। वहीं कक्षा 7वीं में 13 तथा 6वीं में 20 विद्यार्थी शिक्षा ले रहे है। गांव के कुछ विद्यार्थी या तो समीपस्थ गांव में शिक्षा ग्रहण करने के लिए जा रहे है या फिर कुछ विद्यार्थियों ने अपने अध्यापन को विराम दे दिया है। इस गंभीर मसले पर न तो प्रशासन सजग है और न ही बीईओ ने कोई ठोस कार्रवाई की है। यहां संबंधित अधिकारी सिर्फ आश्वासन पर आश्वासन दे रहे है और जल्द ही दो अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति करने की बात कर रहे है। ऐसे हालातों में विद्यार्थियों का पाठ्यक्रम तो प्रभावित हो रहा है साथ ही ग्रामीणों में खासा आक्रोश भी व्याप्त है।
शिक्षक न होने पर अध्यक्ष पालक शिक्षक संघ सुखदेव मरावी का कहना है कि गांव का स्कूल शिक्षक विहीन है। जिसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी जा चुकी है, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ। वहीं ग्राम सरपंच सुन्दर मरावी का कहना है कि माध्यमिक शाला में कोई टीचर नहीं होने से बच्चे ही नहीं ब्लकि अभिभावक भी परेशान है जिसकी सूचना बीईओ को दी जा चुकी है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। वहीं छात्र याशमीन खान सहित अनेक विद्यार्थी का कहना है कि शिक्षक के न होने से उनकी पढ़ाई पूरी तरह प्रभावित हो रही है। वैसे यहां आपसी समन्वय के आधार पर प्रतिदिन शाला लग रही है और वे पढ़ाई व कोर्स को पूरा करने में लगे हुए है।
Created On :   29 Aug 2017 2:51 PM IST