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अस्पताल से शव ले जाने के लिए नहीं मिली एम्बुलेंस, ठेले में शव लेकर घर पहुंचे बहन,भाई
डिजिटल डेस्क उमरिया। उमरिया जिले के बिरसिंहपुर पाली नगर में गरीबी और मुफलिसी को बयां करने वाली एक और दर्दनाक तस्वीर सामने आई है। गुरूवार सुबह वार्ड क्रमांक 15 दफाई निवासी रामकृपाल बर्मन की मौत पर आर्थिक अक्षम परिवार को मृतक का शव, वाहन के अभाव में ठेले पर रखकर घर लाना पड़ गया। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से तकरीबन एक किमी. बहन व भाई धक्के देकर बीच बाजार से गुजरे। मानवता को झकझोर देने वाले दृश्य पर न तो किसी प्रशासनिक नुमाइंदे को रहम आया, न हीं कोई समाजसेवी आगे आये। उल्लेखनीय है कि प्रदेश व्यापी समस्या में शामिल उमरिया की साढे छह लाख आबादी में केवल एक शव वाहन है। 18 साल जिला गठन के बाद न तो प्रशासनिक रहनुमाओ ने नई पहल की, न ही कोई अस्पताल पहुंचते ही निकला दम
डॉक्टरों के अनुसार रामकृपाल बर्मन को सुबह अचानक सीने में दर्द की शिकायत हुई है। इतने में पारिवारिक बहन गुडिय़ा व चचेरे भाई उसे लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे। स्वास्थ्य लाभ के लिए पर्ची कटवा ही रहे थे, इतने में वह जोर-जोर से तड़पने लगा। अचानक शांत होने पर जैसे ही डॉक्टर जैन वहां पहुंचे, उसकी सांसे थम चुकी थी। डॉक्टर अनुसार मरीज की मौत हार्ट अटैक के चलते हुई।
नहीं मिला वाहन, ठेलेे का मिला सहारा
परिजनों के मुताबिक मृतक रामकृपाल घर में अकेले था। 15 साल पहले शादी हुई थी। पत्नी से खटपट के चलते वह अलग रह रही थी। परिवार में कोई बच्चे नहीं हैं। पारिवारिक बहन व भाईयों के सहारे दिन में मजदूरी कर अपना पेट पाल रहा था। बुधवार को अचानक उसके स्वास्थ्य में गिरावट हुई और गुरूवार सुबह अटैक के बाद गरीब के प्राण प्रखेरू उड़ गये। शव वाहन के लिए दोचार जगह संपर्क किया। निजी वाहन मालिक एक किमी. के लिए 2 हजार से अधिक रुपये मांग रहे थे। गौरतलब है कि 30 हजार आबादी वाले नगर पालिका क्षेत्र में शव वाहन उपलब्ध नहीं है। अस्पताल में मौत के बाद लोग वाहन मालिकों को मुंहमांगा रेट देकर शव घर ले जाते हैं। इसके पहले भी नपा के कचरा वाहन में शव ले जाने की नौबत आ चुकी है।
इनका कहना है
आज सुबह मरीज को मरणासन हालत में लाया गया था। जांच के दौरान उसकी सांसे थम गई थी। हार्ट अटैक के चलते उसकी मौत हुई। अस्पताल में शव वाहन नहीं है। लोग निजी वाहन से ही शव परिवहन करते हैं।
डॉ. व्हीके जैन, बीएमओ बिरसिंहपुर पाली।
जिले में एकमात्र शव वाहन जिला मुख्यालय में है। वर्तमान में न तो प्रशासनिक मद व जनप्रतिनिधि स्तर से हमारे पास कोई पहल हुई है। उमरिया के अलावा मानपुर,चंदिया, पाली व नौरोजाबाद में लोग निजी वाहन से ही शव परिवहन करते हैं।
डॉ. उमेश नामदेव, सीएमएचओ उमरिया।
Created On :   12 Oct 2017 4:23 PM IST