गोदाम में एनकेजे पीएस स्कूल, सीमेंट शीट की चपेट में आए बच्चे

NKJ PS School in warehouse, children hit by cement sheet
गोदाम में एनकेजे पीएस स्कूल, सीमेंट शीट की चपेट में आए बच्चे
घायल विद्यार्थी का अस्पताल में चल रहा इलाज गोदाम में एनकेजे पीएस स्कूल, सीमेंट शीट की चपेट में आए बच्चे

डिजिटल डेस्क,कटनी। एनकेजे एरिया में रेलवे के गोदाम में संचालित होने वाले बच्चे सीमेंट शीट की चपेट में आकर घायल हो गए। यह घटना उस वक्त घटित हुई, जब कुछ बच्चे बाहर मध्यान्ह भोजन खा रहे थे। वहीं कक्षा चौथी में अध्ययनरत चार से पांच बच्चे कमरे के अंदर खेलने लगे। खेल-खेल में गोदाम के अंदर जो डिवाइडर शीट खड़ी हुई थी। वह भरभरा कर गिर गई। तेज आवाज सुनकर स्टाफ दौडक़र यहां पहुंचा।

शीट के आसपास से तीन से चार बच्चे खड़े हुए थे तो शीट के नीचे कक्षा चौथी का छात्र अभिनव बर्मन दबा हुआ था। बच्चे के ऊपर से शीट को हटाते हुए इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर शिक्षक पहुंचे। इलाज के बाद छात्र की हालत खतरे से बाहर बताया जा रहा है। भवन को सुधार करने के संबंध में शिक्षा विभाग ने रेलवे को पत्र दिया है।

जर्जर होने से बना रहता है खतरा, हर मौसम में परेशानी

उक्त गोदाम को बने हुए 50 वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है। उम्रदराज गोदाम से बच्चों में हमेशा खतरा मंडराता रहता है। हाल को बांटने के लिए दीवार बनाने की जगह पर जुगाड़ व्यवस्था का सहारा लिया गया। सीमेंट की शीट को फर्श से चिपकाते हुए ऊपर से लोहे के पतले-पतले एंगल लगा दिए गए। यही नहीं इस गोदाम का छप्पर भी सीमेंट की शीट से बनी हुई है। जिसके चलते हर मौसम में परेशानी होती है।

1970 से चल रहा विद्यालय

यहां पर स्कूल का संचालन 1970 से हो रहा है। शिक्षा विभाग ने रेलवे में कार्यरत स्टाफ के लिए स्कूल खोली थी। जिसमें रेलवे विभाग ने वह बड़ा सा गोदाम विद्यालय संचालन के लिए दे दिया। जिसका उपयोग कभी-कभार ही होता था। इस विद्यालय में वर्तमान समय में कक्षा पहली से लेकर पांचवी तक करीब 65 बच्चे अध्ययनरत हैं। हाल को तीन से चार कमरों में सीमेंट शीट से बांटा गया है। यही शीट हादसे का कारण बनी।

इनका कहना है

प्राथमिक स्कूल का संचालन रेलवे के गोदाम में होता है। शिक्षा विभाग ने रेलवे में कार्यरत स्टाफ के बच्चों के लिए यहां पर स्कूल खोली थी। मरम्मत को लेकर रेलवे विभाग को पत्र लिखा जाएगा। घायल बच्चे को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इलाज के बाद बच्चा खतरे बाहर है।
-विवेक दुबे, बीआरसी
 

Created On :   2 Sept 2022 2:04 PM IST

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