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सड़क हादसे को निवा बूपा इंश्योरेंस कंपनी बता रही दो साल पुराना
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डिजिटल डेस्क, जबलपुर। 24 घंटे सात दिन वर्क करने का दावा करने वाली बीमा कंपनी पूरी तरह आम लोगों को लाभ देने में पीछे हैं। यह आरोप पॉलिसी धारको के द्वारा लगाए जा रहे है। दावे व वादे तो हजार किए पर आम नागरिकों को जरूरत के वक्त बीमा कंपनियों ने दूरियां बनाकर रखी। अस्पतालों में कैशलेस करने से इंकार किया जा रहा है। अस्पतालों व दवाईयों के बिल जब बीमा कंपनियों को दिए जाते है उन्हें भी बीमा कंपनी के जिम्मेदार परीक्षण के नाम पर महीनो निकाल देते है और उसके बाद अचानक उक्त प्रकरण में क्लेम देने से इंकार कर देते है। यह किसी एक मामले में नहीं बल्कि अनेक पॉलिसी धारको के साथ ऐसा ही किया जा रहा है। बीमित क्लेम के लिए परेशान होकर बीमा कंपनियों के चक्कर लगा रहे है पर उनकी सुनवाई जिम्मेदार नही कर रहे है। बीमा कंपनी से क्लेम नही मिलने के कारण पॉलिसी धारक उपभोक्ता फॉर्म में आवेदन दे रहे है।
इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ-
इस तरह की समस्या यदि आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर, जबलपुर के मोबाइल नंबर -9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।
निजी अस्पताल के बिलों को भी किया जा रहा दरकिनार-
शहपुरा भिटौनी के ग्राम पिपरिया निवासी सुनील सिंह ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस से बीमा कराया हुआ है। बीमा कराते वक्त कंपनी के अधिकारियों व एजेंट ने कहा था कि आपको हर हाल में पहले दिन से ही सारी सुविधाएं मुहैया कराएंगे। बीमा कराने के एक माह बाद सड़क हादसे में बीमित घायल हो गया था। उसे पाटन के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में इलाज के दौरान कैशलेस कार्ड दिया गया था तो बीमा अधिकारियों ने कैशलेस से मना करते हुए बिल सबमिट करने पर सारा भुगतान देने का वादा किया था। बीमित से उपचार के बाद परिजनों के सहयोग से बीमा कंपनी में सारे बिल व रिपोर्ट बीमा कंपनी में सबमिट किया था। कंपनी के क्लेम डिपार्टमेंट से क्लेम नंबर भी उपलब्ध कराया गया था। सर्वेयर ने भी उनके घर पर व अस्पताल में आकर परीक्षण किया और जल्द ही पूरा प्रकरण सेटल करने का दावा कर गया था पर महीनों बीत जाने के बाद भी बीमा अधिकारियों के द्वारा क्लेम सेटल नही किया गया। अब बीमा कंपनी कह रही है कि दो साल पुराने सडक हादसे को अभी का बताया जा रहा है, जबकि एक्सरे रिपोर्ट व अस्पताल में भर्ती दिनांक की रसीद सहित अन्य दस्तावेज बीमा कंपनी में सम्मेट किए गए पर उसे क्लेम डिपार्टमेंट मानने तैयार नही है। वहीं कंपनी से संपर्क किया गया पर जिम्मेदार अधिकारियों ने किसी तरह का अभी जवाब नही दिया।
Created On :   24 May 2022 5:53 PM IST