एनआईए अधिकारी कर सकेंगे मानव तस्करी से जुड़े मामलों की जांच, केंद्र सरकार ने दी जानकारी

NIA officers will be able to investigate cases related to human trafficking
एनआईए अधिकारी कर सकेंगे मानव तस्करी से जुड़े मामलों की जांच, केंद्र सरकार ने दी जानकारी
हाईकोर्ट एनआईए अधिकारी कर सकेंगे मानव तस्करी से जुड़े मामलों की जांच, केंद्र सरकार ने दी जानकारी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। केंद्र सरकार ने बांबे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) के अधिकारी मानव तस्करी से जुड़े अपराध की जांच कर सकेंगे। केंद्र सरकार की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता डीपी सिंह ने न्यायमूर्ति एए सैय्यद व न्यायमूर्ति अभय अहूजा की खंडपीठ के सामने कहा कि एनआईए अधिनियम 2008 में संसोधन कर एनआईए अधिकारी को मानव तस्करी से जुड़े अपराध की जांच का अधिकार दिया गया है।  लिहाजा मानव तस्करी प्रतिबंधक कानून 1956 के अधिनियम की धारा 13(4) के तहत आनेवाले अपराध की जांच का अधिकार एनआईए के अधिकारियों को दिया गया है। सिंह ने खंडपीठ को बताया कि एनआईए के अधिकारियों को क्षेत्राधिकार से जुड़ी दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता है। वे दूसरे राज्यों में जाकर भी मानव तस्करी से जुड़े मामलों की जांच कर सकते है। जबकि राज्य के अधिकारियों को दूसरे राज्य में जांच के लिए जाने में मुश्किल होती है। इसलिए एनआईए एक्ट में ससोधन करके एनआईए अधिकारी को इस तरह से जुड़े मामलों की जांच का अधिकार दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से केंद्र के पास एक प्रस्ताव भी भेजा गया था। इसके मद्देनजर केंद्र सरकार ने एनआईए अधिकारी को जांच का अधिकार दिया है। वे इस संबंध में हलफनामा भी दायर करना चाहते है इसके लिए उन्हें वक्त दिया जाए। 

हाईकोर्ट में रेस्क्यू फाउंडेशन नामक संस्था की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिका में मुख्य रुप से  से संसोधित एंटी ह्यूमेन ट्रैफिकिंग कानून को कड़ाई से लागू करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि इस कानून में मानव तस्करी को रोकने के लिए विशेष पुलिस अधिकारियों की नियुक्ति का प्रावधान किया गया है। जो सिर्फ मानव तस्करी से जुड़े मामलों को देखेंगे। लिहाजा सरकार को इन अधिकारियों की नियुक्ति के लिए कहा जाए। 
 
24 एटीएचयू के बारे में बताए राज्य सरकार
 
याचिका पर गौर करने व मामले को लेकर जारी पिछले आदेशों को देखने के बाद खंडपीठ ने पाया कि राज्य सरकार ने पिछले साल आश्वासन दिया था कि वह मानव तस्करी को रोकने के लिए 24 जिलों में  एंटी ट्रैफिकिंग ह्यूमेन यूनिट (एटीएचयू) स्थापित करेंगी। जो पूरे राज्य को कवर करेंगी।  मौजूदा समय मे विभिन्न जिलों में 12 एटीएचयू है। इसे देखते हुए खंडपीठ ने कहा कि अगली सुनवाई के दौरान राज्य सरकार से एटीएचयू की वर्तमान स्थिति की जानकारी अपेक्षित है। खंडपीठ ने अब इस मामले की सुनवाई 31 जनवरी 2021 को रखी है।   


 

Created On :   6 Jan 2022 7:01 PM IST

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