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पड़ोसी युवक ने की थी मूक दिव्यांग युवती का रैप व हत्या - अंधे हत्याकांड का किया खुलासा
डिजिटल डेस्क सिंगरौली(वैढऩ)। गढ़वा थाना के खटाई गांव स्थित सोन नदी के कछार में मिले दिव्यांग युवती के शव के मामले की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। रविवार को इस मामले का खुलासा पुलिस अधीक्षक बीरेन्द्र कुमार सिंह ने किया है। उन्होंने बताया है कि पड़ोसी युवक ने दिव्यांग युवती के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसके दुपट्टे से ही उसका गला घोटा था। इसके बाद शव को झाडिय़ों से पटे कछार में फेंककर वह फरार हो गया था। उन्होंने बताया कि अंधी हत्याकांड में शामिल आरोपियों के बारे में देर रात तक पुलिस के हाथ खाली थे। लेकिन सिविल ड्रेस में गांव में भेजे गये पुलिस जवानों की पड़ताल से हमें संदेहियों तक पहुंचने का रास्ता मिल गया। पुलिस जवानों की सूचना के अनुसार, मृतका को शाम के समय डिब्बा लेकर सोन नदी की तरफ जाते हुए देखा गया था। इसके साथ यह भी पता चला कि युवती के पीछे पड़ोस में ही रहने वाला आरोपी दीनू सिंह पिता इंद्रेश सिंह उम्र 27 वर्ष निवासी खटाई गया था। फिर क्या था, संदिग्ध आरोपी का नाम आते ही पुलिस उसे पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई। पुलिस के आगे आरोपी के हौसले पस्त हो गए और पूछताछ में उसने हत्या की कबूल ली। उसने बताया कि दुष्कर्म करने के बाद मृतका ने इशारों में ही अपने साथ हुई घटना के बारे में परिजनों को बताने की धमकी दी थी। आरोपी ने बताया कि वह 9वीं तक युवती के साथ पढ़ा था, इसलिए पकड़े जाने के भय से उसने उसके गले में पड़े दुपट्टे से ही उसका गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद शव को झाडिय़ों से पटे दरार में फेंक कर फरार हो गया।
एसपी समेत कई टीआई की टीम जुटी
एसपी श्री सिंह ने बताया कि इस वारदात की भनक पुलिस को शनिवार दोपहर तब लगी, जब मृतका के पिता ने टीआई सरई को सूचना दी कि खटाई गांव के पास स्थित सोन नदी के किनारे शव पड़ा है। टीआई सरई शंखधर द्विवेदी मौके पर पहुंचे और स्थिति की गंभीरता देखकर उन्होंने इसकी सूचना दी। इसके बाद एएसपी अनिल सोनकर, एसडीओपी चितरंगी, 5 थाना प्रभारियों, फोरेसिंग व डॉग स्क्वाएड टीम को तत्काल पहुंचने के लिए निर्देश जारी किया था और खुद भी मौके पर पहुंचा। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि यह सामान्य मौत नहीं है। इसके बाद फोरेसिंक टीम व डॉग स्क्वाएड का सहारा लिया। शव को कब्जे में लेकर पीएम के लिए चितरंगी अस्पताल भेजा।
आंख निकाले जाने की बात अफवाह
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मृतका के आंख निकाले जाने की बात अफवाह है। कछार के बीच पड़े शव का निरीक्षण के दौरान ही पाया गया था कि आंख पर काफी संख्या में पीले चिंटे लगे हुए है। जिस कारण आंख पर गंभीर चोट दिखाई दे रही थी। इसके बाद तीन डॉक्टरों के पैनल जिसमें डॉ भूपेंद्र, डॉ भानू, डॉ अंजली शामिल थी, से पीएम कराया गया है। पीएम की वीडियोग्राफी के अलावा फोटोग्राफ्स भी लिए गये है। लेकिन पीएम रिपोर्ट में आंख की पुतली चोटिल पाई गई है न कि निकाली गई है। इसके आधार पर ही पुलिस ने हत्या व दुष्कर्म का मामला पंजीबद्ध कर विवेचना शुरू की है।
नशे में था आरोपी
आरोपी के विरूद्ध पहले भी गढ़वा थाने में अपराध दर्ज है। वह दो बार चोरी व एक बार आम्र्स एक्ट के मामले में जेल भेजा जा चुका है। घटना वाले दिन वह दोपहर में देशी शराब का सेवन किया था। घटना करते वक्त भी वह नशे की हालत में था। कहा कि रीवा आईजी उमेश जोगा इस सनसनी खेज दिव्यांग युवती हत्या कांड की मॉनिटरिंग लगातार कर रहे थे। उन्होंने इस खुलासे में मुख्य भूमिका निभाने वालों को नकद इनाम देने की घोषणा की है।
पुलिस टीम में ये रहे शामिल
एडिशनल एसपी के नेतृत्व में कार्रवाई में एसडीओपी चितरंगी एसएन सिंह बघेल, थाना प्रभारियों में गढ़वा से शंखधर द्विवेदी, चितरंगी से आरपी रावत, सरई से संतोष तिवारी, मोरवा से मनीष त्रिपाठी, नवानगर से यूपी सिंह, बगदरा चौकी प्रभारी विनोद सिंह, नौडिहवा से अभिनव सिंह, उनि मनोज सिंह चौहान, एफएसएल यूनिट प्रआ नरेंद्र प्रताप सिंह, फिंगर प्रिंट उनि मांडवी पांडेय, सायबर सेल आ विजय खरे शामिल रहे।
Created On :   4 Jan 2021 5:48 PM IST