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लापरवाही: पहले भेज दिया मनमानी राशि का बिल अब सुधरवाने माँग रहे रीडिंग
डिजिटल डेस्क जबलपुर। बिजली उपभोक्ताओं की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। आए दिन लाइट गुल होने और ट्रिपिंग की समस्या से जूझ रही जनता को अब अनाप-शनाप बिल भेज कर परेशान किया जा रहा है। बिना रीडिंग किए मनमर्जी से दो से तीन गुना अधिक राशि का बिल मिलते ही उपभोक्ताओं को यह समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर इतना अधिक बिल कैसे आ गया। इनकी मुश्किलें तब और बढ़ रही हैं जब जनता बिजली दफ्तर बिल सुधरवाने जा रही है तो वहाँ भी उन्हें खुद मीटर की रीडिंग लाने कहा जा रहा है। रीडिंग लाने पर ही बिल सुधारे जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में जनता सुबह से बिजली बिल सुधरवाने के लिए चक्कर लगा रही है।
किस आधार पर जारी हुए बिल समझ से परे-
बिजली कंपनी द्वारा भेजे गए बिजली बिल में इतनी अधिक विसंगतियाँ हैं कि जनता का आक्रोश देखते ही बन रहा है। पहले तो बिना रीडिंग का बिल भेजा गया उसमें भी पिछले माह की रीडिंग तो है नहीं इसके बाद जो बिल दिया जा रहा है उसमें भी वास्तविक खपत का आकलन नहीं है। अब उपभोक्ताओं को यह समझ में नहीं आ रहा है कि बिजली कंपनी द्वारा किस आधार पर बिल की राशि की गणना की गई है। अगर एवरेज बिल भी दिया गया है तो जिन्हें डेढ़ से दो सौ रुपए का बिल मिलता था उसे इस माह अचानक एक हजार रुपए से अधिक का बिल दिया गया है। अब यह किस आधार पर आकलन किया गया यह समझ से परे है। अगर पिछले माह की रीडिंग के हिसाब से भी बिल दिया गया है तब भी इतनी कम खपत वाले की इतनी अधिक राशि कैसे हो गई।
एक साथ दो माह की रीडिंग से सब्सिडी का नुकसान-
शासन की घोषणा के अनुसार सौ यूनिट की खपत में सौ रुपए तक का बिल देने का प्रावधान है। सब्सिडी योजना के तहत इसे लागू किया गया है मगर इन दो माह के दौरान रीडिंग न होने के बाद अब अचानक बढ़ी खपत का बिल दिए जाने से जो उपभोक्ता इन योजना के पात्र हैं उन्हें सब्सिडी का लाभ नहीं मिल पा रहा है। दो माह की एक साथ यूनिट आने से स्लैब बढ़ गया जिससे वह सब्सिडी के दायरे से बाहर हो रहे हैं।
Created On :   6 Jun 2021 9:40 PM IST