राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के मुख्य सचिव श्रीवास्तव को 9 फरवरी को पेश होने के निर्देश
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) ने आदिवासियों के लिए आरक्षित नौकरियों के लिए अनुसूचित जनजातियों के फर्जी जाति प्रमाणपत्र जारी करने से संबंधित मामले में उसकी सिफारिशों का पालन नहीं करने और इस संबंध में तथ्यों का ब्यौरा और की गई कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं करने पर महाराष्ट्र के मुख्य सचिव मनु कुमार श्रीवास्तव को 9 फरवरी को आयोग के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है।
रालेगांव के विधायक अशोक उइके ने 27 मार्च 2022 को एनसीएसटी में शिकायत करके आरोप लगाया था कि राज्य में कई लोगों ने फर्जी प्रमाणपत्र प्रस्तुत करके अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित नौकरियां हथिया ली है। उन्होंने यह भी कहा था कि महाराष्ट्र सरकार अनुसूचित जनजातियों की आरक्षित सीटों पर भर्ती से बच रही है। एनसीएसटी ने मामले का संज्ञान लेते हुए 25 अप्रैल 2022 को नोटिस जारी करके एक सप्ताह के भीतर तथ्यों का ब्यौरा और की गई कार्रवाई की रिपोर्ट देने को कहा था। मुख्य सचिव ने जब नोटिस का अपेक्षित जवाब नहीं दिया, तब आयोग ने संविधान के अनुच्छेद 338ए की धारा 8 के तहत दीवानी अदालत की शक्ति का प्रयोग करते हुए उन्हें 1 जून 2022 को समन जारी किया था। हालांकि,इस तारीख को मुख्य सचिव पेश हुए, लेकिन उनसे फर्जी जाति प्रमाणपत्र के साथ सेवा में लोगों की संख्या, सेवा से निष्कासित लोगों और अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करने वालों पर एक विस्तृत रिपोर्ट नहीं देने और उसकी सिफारिशों का पालन नहीं करने के लिए उन्हें फिर 29 अगस्त 2022 को आयोग के सामने पेश होने के लिए कहा गया।
पेश नहीं होने और रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं करने पर आयोग ने फिर उन्हें समन जारी किया और 13 जनवरी को आयोग के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया, लेकिन मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री शिंदे के दावोस दौर के चलते उपस्थित रहने में अपनी असमर्थता जताते हुए आयोग से पेशी की दूसरी तारीख देने का अनुरोध किया। आयोग ने इसे स्वीकार करते हुए मनु कुमार श्रीवास्तव को अब 9 फरवरी 2023 को एनसीएसटी सदस्य अनंत नायक के समक्ष पेश होने के लिए कहा है। आयोग ने पेश होने में विफल रहने पर मुख्य सचिव के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है।
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Created On :   6 Feb 2023 10:08 PM IST