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प्रस्ताव तैयार - राकांपा भी चाहती है एक या दो ही सदस्यों का प्रभाग
डिजिटल डेस्क, नागपुर। मनपा में बहुसदस्यीय प्रभाग पद्धति को लेकर महाविकास आघाड़ी की असहमति सामने आ रही है। कांग्रेस के बाद राकांपा ने भी इस पद्धति का विरोध किया है। कहा जा रहा है कि एक या दो सदस्यों का प्रभाग ही उचित होगा। शहर राकांपा ने इस संबंध में प्रस्ताव तैयार किया है। जल्द ही प्रदेश अध्यक्ष को वह प्रस्ताव भेजा जाएगा। कांग्रेस पहले ही इस मामले को लेकर प्रदेश स्तर पर अपना मत व्यक्त कर चुकी है। प्रदेश कांग्रेस ने राज्य सरकार को निवेदन भेजा है। उसमें कहा गया है कि अधिकतम दो सदस्यीय प्रभाग पद्धति ही अनुकूल होगी। प्रभाग पद्धति को लेकर आरंभ से ही हलचल है। महाविकास आघाड़ी के नेतृत्व की सरकार ने पहले विधानमंडल अधिवेशन में नागपुर में ही विधानसभा में विधेयक लाया था। ‘एक वार्ड, एक सदस्य’ पद्धति अपनाने की तैयारी थी। कुछ दिन पहले राज्य चुनाव आयोग ने एक वार्ड एक सदस्य पद्धति के साथ चुनाव कराने की घोषणा कर दी थी। बाद में महाविकास आघाड़ी में ही असहमति सामने आने लगी। इस बीच राज्य मंत्रिमंडल ने बहुसदस्यीय प्रभाग पद्धति अपनाने का निर्णय लिया। घोषणा की गई कि मुंबई को छोड़ शेष महानगरपालिकाओं के चुनाव बहुसदस्यीय पद्धति से होंगे। एक प्रभाग में तीन सदस्य होंगे। इस निर्णय को लेकर आरंभ में ही कहा जाने लगा कि कांग्रेस ने असहमति व्यक्त की है। कांग्रेस के मंत्रियों ने इस पद्धति का विरोध किया है। राकांपा के वरिष्ठ नेता व उपमुख्यमंत्री अजित पवार के कारण बहुसदस्यीय पद्धति अपनाई जा रही है। कांग्रेस ने प्रदेश स्तर पर इस निर्णय से असहमति व्यक्त की, लेकिन राकांपा चुप थी। शुक्रवार को शहर राकांपा की कोर कमेटी की बैठक में प्रदेश स्तर के पदाधिकारियों की उपस्थिति में यह मुद्दा प्रमुखता से सामने आया। पूर्व मंत्री रमेश बंग के साथ राकांपा अल्पसंख्यक सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष शब्बीर विद्रोही, प्रदेश पदाधिकारी अनिल अहिरकर, बजरंग परिहार, दीनानाथ पडोले, जानबा मस्के, आभा पांडे, लक्ष्मी सावरकर, शैलेंद्र तिवारी, दिलीप पनकुले व अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। पदाधिकारियों की सहमति से शहर अध्यक्ष दुनेश्वर पेठे ने प्रस्ताव तैयार कर उसे प्रदेश अध्यक्ष को भेजने का निर्णय लिया।
जनता की भावना का सम्मान
बहुसदस्यीय प्रभाग पद्धति का सामान्य जनता विरोध कर रही है। लोगाें का कहना है कि इस पद्धति से नगरसेवक की जवाबदेही तय नहीं हो पाती है। कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों ने जनता के मत को प्रकट किया है। जनता की भावना का सम्मान करते हैं। एक या दो सदस्य का प्रभाग ही अनुकूल होगा। प्रस्ताव के माध्यम से वरिष्ठ नेताओं को जनभावना से अवगत कराया जाएगा।
Created On :   26 Sept 2021 4:15 PM IST