खाद्यान्न की बढ़ती कीमतों पर सांसद विवेक तन्खा का राज्यसभा में सवाल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने शुक्रवार को राज्यसभा में कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि सरकार आवश्यक खाद्य वस्तुओं की घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और बढ़ती खाद्य कीमतों को नियंत्रित करने के लिए समय समय पर विभिन्न उपाय करती है। इनमें बफर से रिलीज, स्टाक सीमा निर्धारित करना, जमाखोरी रोकने के लिए घोषित स्टाक की निगरानी के साथ ही आयात शुल्क को तर्कसंगत बनाना आदि शामिल है।
तन्खा के खाद्यान्न की कीमतों को नियंत्रित करने के बारे में पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में राज्य मंत्री ने बताया कि सरकार ने गेंहू के निर्यात को रोकते हुए 13 मई 2022 को गेंहू की निर्यात नीति में संशोधन कर उसे ‘निशुल्क’ से ‘निषिद्ध’ श्रेणी में कर दिया और 12 जुलाई 2022 से आटा (गेंहू) निर्यात के लिये अंतर मंत्रालयी समिति (आईएमसी) की अनुशंसा को आवश्यक बनाया। इसके अलावा टूटे चावल के निर्यात पर प्रतिबंध और 9 सितंबर 2022 से उसना(पार बायल्ड) चावल को छोड़कर गैर बासमती चावल पर 20 % निर्यात शुल्क लगाया गया है।
सरकार ने गेंहू और आटा की कीमतों में नरमी लाने करने के लिए ओपन मार्केट डिस्पोजल स्कीम (ओएमएसएस) के तहत 30 लाख मीट्रिक टन गेंहू की बिक्री राज्य सरकारों, केद्रीय भंडार, राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकार संघ (एनसीसीएफ), भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नैफेड), राज्य सहकारी समितियां आदि को करने का भी निर्णय किया है।
उन्होंने बताया कि दालों की घरेलू उपलब्धता को बढ़ाने और इनकी कीमताें में नियंत्रण लाने के लिए तूर और उड़द के आयात को 31 मार्च 2024 तक मुक्त श्रेणी के अंतर्गत रखा गया है और मसूर पर आयात शुल्क को कम करके 31 मार्च 2024 से शून्य कर दिया गया है। इसके अलावा सरकार ने प्याज, रबी फसल, कच्चे पाम तेल कच्चे सोयाबीन तेल, सूरजमुखी तेल आदि की कीमतों को भी नियंत्रित करने के लिये अनेक कदम उठाये हैं।
Created On :   10 Feb 2023 7:52 PM IST