पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के संकल्प से चल रही श्री शिव पुराण कथा का छठवां दिन

MP News: Sixth day of Shri Shiv Puran Katha going on with the resolution of former Leader of Opposition Ajay Singh
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के संकल्प से चल रही श्री शिव पुराण कथा का छठवां दिन
मध्य प्रदेश पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के संकल्प से चल रही श्री शिव पुराण कथा का छठवां दिन

डिजिटल डेस्क, भोपाल। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के संकल्प से चल रही श्री शिव पुराण कथा के छठवां दिन आज आचार्य विनोद बिहारी गोस्वामी ने शिव बारात और शिव के चंद्रमौली स्वरूप का वर्णन किया। यह कथा चुरहट के ग्राम सांडा शिवराजपुर में हो रही है। कथा में  आचार्य जी ने शिव के स्वयंभू स्वरूप का वर्णन किया। शिव पार्वती के विवाह की कथा सुनाते हुए उन्होंने  बताया कि महाशिवरात्रि को लेकर पौराणिक मान्याता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्नि हुआ था। शिव विवाह की इस कथा को सुनना और पढ़ना बड़ा ही पुण्यदायी होता है साथ ही यह शिव भक्तों को रोमांचित और आनंदित भी करता है।

गोस्वामी जी ने कथा में शिव बारात का अद्भुत वर्णन किया| उन्होंने बताया कि शिवजी जब बारात लेकर चलने लगे तो उनकी बारात में भूत-प्रेत,बेताल सब मगन होकर नाच रहे थे। भगवान शिव स्वयं नंदी पर विराजमान थे और गले में नाग की माला धारण किए हुए थे। साथ में भगवान विष्णु और ब्रह्माजी भी देवताओं की टोली लेकर चल रहे थे। त्रिलोक शिव विवाह के आनंद से मगन हो रहा था। हर तरफ शिवजी के जयकारे लग रहे थे। बारात नगर भ्रमण करते हुए देवी पार्वती के पिता राजा हिमवान के द्वार पहुंची। बारात के स्वागत के लिए महिलाएं आरती की थाली लेकर आयीं। भगवान शिव की सासु मां मैना अपने दामाद की आरती उतारने दरवाजे पर पहुंची। भगवान शिव की सामने जब मैना पहुंची तो शिवजी का रूप देखकर चकरा गईं। उस पर शिवजी ने अपनी और लीला दिखानी शुरू कर दी। शिवजी के नाग ने फुफकार मारना शुरू किया तेज हवा से वस्त्र अस्त-व्यस्त होने लगे। मैना वहीं अचेत होकर गिर गईं। मैने को होश आया तो उन्होंने शिवजी के साथ अपनी सुकुमारी कन्या देवी पार्वती का विवाह करने से मना कर दिया। 

कथा को आगे बढाते हुए उन्होंने कहा कि माता मैना ने कहा कि देवी पार्वती सुकुमारी को बाघंबरधारी, भस्मधारी मसानी को नहीं दे सकती। माता को व्याकुल देख पार्वती समझ गईं कि यह सब शिवलीला के कारण हो रहा है। देवी पार्वती ने कहा कि हे माता और पिताजी आप मुझे शिवजी से मिलने की आज्ञा दें फिर आपको शिव उसी रूप में मिलेंगे जैसा आप चाहते हैं।माता पिता से आज्ञा लेकर देवी पार्वती जनवासे में गईं जहां शिवजी विराजमान थे। देवी पार्वती भगवान शिव से बोली के हे प्रभु आप अपनी लीला समेटिए, मेरी माता आपका मसानी रूप देखकर व्याकुल हो रही हैं और आपसे मेरा विवाह नहीं करवाना चाहती हैं। हर माता की तरह उनकी भी इच्छा है कि उनका दामाद सुंदर और मनमोहक हो इसलिए आप अपने दिव्य रूप को प्रकट कीजिए। देवी पार्वती की मनोदशा समझकर शिवजी ने अपनी लीला समेट ली।

भगवान शिव का चंद्रमौली स्वरूप

इसके बाद भगवान विष्णु और चंद्रमा ने मिलकर भगवान शिव को दूल्हे के रूप में तैयार किया। भगवान शिव अपने चंद्रमौली रूप को धारण करके सबका मन मोह रहे थे। देवी मैना ने जब शिवजी का चंद्रमौली रूप देखा तो निहारती रह गईं। उन्हें अपने नेत्रों पर भरोसा ही नहीं हो रहा था। वह खुशी-खुशी शिवजी के विवाह की तैयारी करने लगीं। जब विवाह मंडप पर शिवजी पहुंचे और विवाह आरंभ होने वाला था तब साधु समाज लोकाचारवश राजा हिमवान की वंश परंपरा का बखान करने लगे। इसके बाद शिवजी से कहा गया कि उनकी वंश परंपरा क्या है इसका बखान कीजिए। शिवजी की ओर से कोई उनके वंश के बारे में बता ही नहीं रहा था। इस पर वहां स्थित समाज यह कहने लगा कि यह कैसा दूल्हा है जिसका कोई वंश ही नहीं है इनके माता-पिता का पता ही नहीं है। 

शिव पुराण में वर्णित है कि ऐसे में नारदजी वहां सभा में कहा कि भगवान भोलेनाथ अजन्मा हैं। यह जगत के पिता हैं इनका कोई पिता नहीं है। ब्रह्मा और विष्णुजी को भी इन्होंने ही प्रकट किया है। इसलिए ब्रह्मा और विष्णुजी भी इनकी उत्पत्ति और वंश के बारे में बताने में सक्षम नहीं हैं। नारदजी के वचनों को सुनकर सभी जन समुदाय भोलेनाथ का जय जयकार करने लगे। फिर ब्रह्माजी पुरोहित बने और देवी पार्वती की ओर से भगवान विष्णु उनके भाई बने और शिवजी का विवाह संपन्न करवाया। गोस्वामीजी ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि उत्तराखंड में स्थित त्रियुगी नारायण मंदिर ही वह स्थान है जहां पर भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह हुआ था और शिव पार्वती ने फेरे लिए थे। यहां आज भी वह अग्नि प्रज्वलित है जिसके फेरे शिव और पार्वती ने लिए थे।

छठे दिन की कथा श्रवण के लिए प्रमुख रूप से भारत सरकार के पूर्व मंत्री अरुण यादव,पूर्व मंत्री यादवेंद्र सिंह,पूर्व मंत्री मानवेंद्र सिंह,पूर्व मंत्री राजा पटेरिया,विधायक गोहद सेवाराम जाटव,पूर्व विधायक शंकर प्रताप सिंह मुन्ना राजा,पूर्व विधायक रामपाल सिंह,पूर्व विधायक रजनीश सिंह,पूर्व विधायक शीला त्यागी,पूर्व लोकसभा प्रत्याशी रीवा सिद्धार्थ तिवारी,रामनिवास उर्मलिया मैहर, डॉ. महेश्वरी सतना, अतुल मल्होत्रा सतना,पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मधु शर्मा, जिला अध्यक्ष ज्ञान सिंह,नपा अध्यक्ष सीधी श्रीमती काजल वर्मा, नप उपाध्यक्ष चुरहट अजय पाण्डेय, पूर्व कुलपति कमलाकर सिंह,पूर्व आयुक्त एस के सिंह,वरिष्ठ समाज सेवी रीवा प्रदीप सिंह,वरिष्ठ समाजसेवी व्यौहारी सुधीर पांडे,पूर्व अध्यक्ष देवेंद्र सिंह मुन्नू,पूर्व आईजी उदय सिंह,शिवप्रसाद प्रधान रीवा,सहित हजारों की संख्या में महिलाएं पुरुष एवं शिवभक्त शामिल हुए

Created On :   27 April 2023 6:58 PM IST

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