सबसे अधिक मौत सड़क दुर्घटना में मरने वालों की, चिंतनीय है स्थिति

Most people died in road accidents the situation is worrying
सबसे अधिक मौत सड़क दुर्घटना में मरने वालों की, चिंतनीय है स्थिति
सबसे अधिक मौत सड़क दुर्घटना में मरने वालों की, चिंतनीय है स्थिति

डिजिटल डेस्क, नागपुर। देश में रोजाना 400 लोगों की सड़क दुर्घटना में मृत्यु होती है। किसी आतंकी हमले में मरने वालों की संख्या की अपेक्षा यह संख्या अधिक है। इसलिए सभी सरकारी विभाग और स्थानीय स्वराज्य संस्था को इसपर ज्यादा गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है। यह आह्वान सारिका पांडा, राहगिरी फाउंडेशन की ट्रस्टी ने सड़क सुरक्षा विषय पर आयोजित प्रशिक्षण कार्यशाला में किया। नागपुर स्मार्ट एंड सस्टेनेबल सिटी डेवलपमेंट कार्पोरेशन लि. द्वारा आयोजित मोबिलाइज यूवर सिटी (एमवाईसी) कार्यक्रम अंतर्गत कार्यशाला का आयोजन रामदासपेठ स्थित एक होटल में किया गया था। कार्यक्रम में स्मार्ट सिटी के उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी महेश मोरोणे, एम‌वाईसी के जयश्री जिंदल, डब्ल्यूआरआई इंडिया की प्रियंका सल्खलन आदि प्रमुखता से उपस्थित थे।

श्रीमती पांडा ने कहा कि देश में सड़क दुर्घटना में सबसे ज्यादा मरने वालों में पैदल और दोपहिया वाहन पर चलने वाले लोग है। यह सभी मध्यम और अल्प उत्पन्न वर्ग के लोग हैं। प्रति वर्ष देश में 4.22 लाख करोड़ रुपए की जीडीपी का नुकसान इन दुर्घटनाओं के कारण होता है। हर साल डेढ़ लाख से ज्यादा लोग दुर्घटना मारे जाते हैं। 3 लाख लोग दुर्घटना में जख्मी होते हैं। उन्होंने बताया कि देश में पैदल चरने वाले लोगों की संख्या ज्यादा है। उनके लिए अच्छे फुटपाथ नहीं है। सरकार को इस ओर ध्यान देने की ज्यादा जरूरत है। स्मार्ट सिटी के उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी महेश मोरोणे ने कहा कि शहर में पैदल चलने वालों के लिए पर्यायी रास्ता बनाने की जरूरत है। रास्ते पर पहला अधिकार उनका है। इसके बाद साइकिल, सार्वजनिक वाहन और सबसे अंत में निजी वाहनों का है। उन्होंने बताया कि नागपुर में सार्वजनिक वाहनों के क्षेत्र में क्रांति हो रही है। अब हम प्रदूषण कम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को प्राथमिकता दे रहे हैं। 

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विभाग मिलजुल करें काम
 प्रियंका सल्खालन ने कहा कि रास्ते पर निजी वाहन कम करने की दृष्टि से ज्यादा प्रयास करने की जरूरत है। इसके लिए सभी विभाग साथ आकर काम करने पर सड़क दुर्घटनाओं की संख्या कम होने में मदद मिलेगी। जयश्री जिंदल ने कहा कि एमवाईसी कार्यक्रम के लिए यूरोपिय संघ ने नागपुर, अहमदाबाद और कोची शहर का चयन किया है। इन शहरों में कार्बन उर्त्सजन कम करने की दृष्टि से हम प्रयास कर रहे हैं।  कार्यक्रम में स्मार्ट सिटी के महाप्रबंधक राजेश दुफारे, देवेंद्र महाजन, उदय घिये, प्रणिता उमरेडकर, शुभांगी गाढवे, आरटीओ के विनोद जाधव, ट्रैफिक अभियंता शकील नियाजी, सहायक पुलिस निरीक्षक श्री पोटदुखे व विविध विभागों के अधिकारी प्रमुखता से उपस्थित थे। 
 

Created On :   18 Feb 2020 4:00 PM IST

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