गोंदिया में 40 से अधिक सारस का है वास, सारस गणना में सामने आए आंकड़े

More than 40 crane in gondia, statistics revealed in calculation
गोंदिया में 40 से अधिक सारस का है वास, सारस गणना में सामने आए आंकड़े
गोंदिया में 40 से अधिक सारस का है वास, सारस गणना में सामने आए आंकड़े

डिजिटल डेस्क, गोंदिया। गोंदिया जिले में 40 से 42 सारस का वास है । यह आंकड़े सारस गणना में सामने आये हैं। पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण तथा संवर्धन के लिए  कार्य कर रही सामाजिक संस्था सेवा (सस्टैनिंग इन्वायर्नमेंट एंड वाइल्डलाईफ एसेंब्लेज) द्वारा संस्था अध्यक्ष सावन बहेकार तथा सारस संरक्षण प्रकल्प प्रभारी आई.आर. गौतम के मार्गदर्शन में सारस गणना का कार्य पारंपरिक तथा शास्त्रीय पध्दति से किया गया। गणना लगभग 6 दिनों तक चली। गोंदिया में 22 तथा बालाघाट जिले में 20 टीमों द्वारा गणना की गई। जिसमें विविध सेवा भावी संस्था, हरित सेना के विद्यार्थी तथा किसान शामिल हुए।  गणना के दौरान सारस के विश्रांति स्थल पर सुबह 5 से दोपहर 10 बजे तक गणना की गई। सारस गणना 2019 के रिपोर्ट के अनुसार 40  से 42  सारस जिले में अधिवास कर रहे हैं। 

उल्लेखनीय है कि विगत कुछ दिनों में सारस पक्षी ने गोंदिया जिले को राज्य में एक नई पहचान दिलाई है। जिसके चलते सारस को लेकर जिलावासियों में काफी प्रेम दिखाई देता है। उनकी संख्या को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं प्रतिवर्ष उनकी गणना भी की जा रही है। इस वर्ष भी गोंदिया जिले में 9 जून को कुल 22  टीमों द्वारा 50 से 60 स्थानों पर सुबह 5 बजे पहुंचकर प्रत्यक्ष गणना की गई। आकड़ों की विश्वसनीयता एवं सारस की उपस्थिति पर संदेह की गुंजाइश खत्म करने के लिए 6 से 12 जून तक पुन: प्रतिदिन सुबह एवं शाम सभी स्थानों पर जाकर सारस की उपस्थिति का संपूर्ण जायजा लिया गया। जिसके जिले के सारे खेत, तालाब तथा नदी किनारों का बारीकी से निरीक्षण किया गया एवं स्थानीय लोगों से बातचीत कर विस्तृत जानकारी हासिल की गई।  

गौरतलब है कि पिछले 4-5  वर्षों से सेवा संस्था द्वारा बालाघाट जिले में भी सारस संरक्षण एवं संवर्धन का कार्य  स्थानीय स्वयंसेवी संस्था तथा किसानों के साथ मिलकर किया जा रहा है। इसी कड़ी में 8 जून 2019 को अभिजीत परिहार के मार्गदर्शन में सारस गणना की गई।  जिसमें गोंदिया तथा बालाघाट के स्वयंसेवकों ने भाग लिया।  अभियान में उपवन संरक्षक एस. युवराज तथा दक्षिण वन मंडल बालाघाट के मंडल अधिकारी देवप्रसाद का विशेष मार्गदर्शन एवं सहयोग मिला। साथ ही वन विभाग के सहायक वन संरक्षक विकास माहोरे, सुशील नांदवते, पी.बी. चन्ने, शेषराव आकरे, अरुण साबड़े एवं वन कर्मचारियों का सहयोग मिला। सेवा संस्था के सभी सदस्यों ने गणना कार्य में अथक प्रयास किया। 

कहां कितने सारस
हाल ही में की गई सारस गणना के अनुसार गोंदिया जिले में 40  से 42  सारस, भंडारा जिले में 3 एवं चंद्रपुर जिले में 1 सारस पाया गया है। जबकि गोंदिया जिले से सटे मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले में सर्वाधिक 52 से 54 सारस दिखाई दिए। पक्षी प्रेमियों की माने तो अपेक्षा के अनुरूप जिस तरह से संवर्धन के प्रयास किए जा रहे हैं, उस मात्रा में सारस की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हो रही है। सारस को गोंदिया जिले का वैभव माना जाता है। जिससे उसके संवर्धन के लिए और भी ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। 

Created On :   18 Jun 2019 3:50 PM IST

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