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कन्यादान योजना में गड़बड़ी - 25 विवाहों की जांच में 14 मिले अपात्र, एक केस में कुंवारी युवती को बताया शादीशुदा
डिजिटल डेस्क छतरपुर । प्रदेश में पूर्व सरकार द्वारा कन्यादान योजना में प्रोत्साहन राशि 51 हजार रुपए होने के बाद जिले की विभिन्न जनपद पंचायतों द्वारा वर्ष 2019-20 के सत्र में लभगग 1059 से अधिक विवाह सम्मेलनों के माध्यम से संपन्न कराए गए थे। विगत वर्षों की अपेक्षा इस सत्र में विवाहों की संख्या ज्यादा होने पर तत्कालीन सामाजिक न्याय विभाग के आयुक्त द्वारा जांच के बाद ही हितग्राहियों को प्रोत्साहन राशि का भुगतान करने का आदेश दिया गया था। तब सिरोंज विधायक द्वारा विधानसभा में छतरपुर का जिक्र करके कन्यादान योजना के फर्जीवाड़े के आधार पर पूरे प्रदेश में जांच की मांग उठाई थी। इसके बाद विवाहों की शुरू हुई जांच में बड़ी संख्या में जपं बड़ामलहरा और गौरिहार में अपात्र विवाहों की पुष्टि हुई थी। इसमें दोबारा जपं सीईओ के विरुद्ध नोटिस जारी होने के साथ अब कलेक्टर को मामले से अवगत कराया गया है।
दलाल सक्रिय हैं, कमीशन बेस पर करते हैं शादी के लिए राजी
जिले में कन्यादान योजना में विवाह कराने के लिए दलाल सक्रिय हैं, जो पंचायतों में सक्रिय होकर गरीब और किसानों को निशाना बनाकर दोबारा शादी करने के लिए कमीशन बेस पर राजी करते हैं और अफसरों की कमीशन के नाम पर हितग्राहियों से ये दलाल रुपयों की उगाही करते हैं। इनके साथ जिले के कई वरिष्ठ अधिकारी और पंचायत सचिव इसमें शामिल हैं। बड़ामलहरा और गौरिहार ब्लॉक में विगत 4 वर्षों में सबसे ज्यादा शादियां इन सम्मेलनों के माध्यम से हुई हैं। विगत वर्ष अबार माता रामटौरिया मंदिर में तत्कालीन विधायक और जपं सीईओ द्वारा 280 और 321 जोड़ों की मार्च व जून माह में दो सम्मेलनों के माध्यम से शादियां कराई थीं। वहीं गौरिहार में भी 260 से अधिक विवाह कराए गए थे। सितम्बर में आयुक्त के आदेश पर इन विवाहों की शुरू हुई जांच में 70 बड़ामलहरा जपं और गौरिहार ब्लॉक में 24 अपात्र विवाह यानि शादीशुदा जोड़ों की शादी होना पाया गया। तब तत्कालीन कलेक्टर ने जपं सीईओ को कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा था। जवाब के बाद संबंधित पंचायत सचिवों पर कार्रवाई के लिए उप संचालक ने जपं सीईओ को पत्र भेजा था। मगर जपं सीईओ द्वारा पंचायत सचिवों को सिर्फ फरवरी 2020 में नोटिस जारी किया गया और कार्रवाई को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। अब पुन: जपं बड़ामलहरा में 25 विवाहों की जांच में 14 फर्जी विवाह पाए गए हैं।
फिर विवाहों की जांच में शादीशुदा मिले जोड़े
कन्यादान योजना में दोबारा शुरू हुई जांच में जपं बड़ामलहरा में 25 प्रकरणों में से 14 शादियां अपात्र पाई गईं थी। इनमें से अधिकतर जोड़ों की शादियां सम्मेलन के पूर्व हो चुकी हैं और कई जोड़ों के बच्चे भी हैं। एक प्रकरण में तो पंचायत कर्मियों ने कुंवारी लड़की की शादी करा दी, जबकि अभी भी उसकी शादी नहीं हुई है। तीन सदस्यीय जांच दल ने अपनी रिपोर्ट में इसका उल्लेख किया है। एकबार फिर जपं बड़ामलहरा में कन्यादान योजना में फर्जीवाड़ा उजागर होने पर 11 अगस्त को उप संचालक प्रभारी डिप्टी कलेक्टर प्रियांशी भंवर ने जपं सीईओ बड़ामलहरा अजय सिंह को शोकॉज नोटिस जारी किया है और बैठक में कलेक्टर ने भी फटकार लगाई है।
इन पंचायतों ने कराए अपात्रों के विवाह
जनपद पंचायत बड़ामलहरा की ग्राम पंचायत रानीताल के 4, अंधियारा के 2, सड़वा के 6, बमनी के एक, बरेठी द्वारा प्रस्तावित एक विवाह अपात्र पाया गया है। फरवरी 2020 में जपं सीईओ ने तकरीबन 21 पंचायतों को 70 अपात्र विवाह मिलने पर सचिव और रोजगार सहायकों को नोटिस जारी किया था, जिसका जवाब अब तक सचिवों द्वारा नहीं दिया गया है। अब नई पंचायतों में सम्मेलनों के माध्यम से हुए विवाह फर्जी पाए गए हैं। मगर 5 माह में सिर्फ कार्रवाई नोटिस तक सीमित रही।
नोटिस जारी किया
जांच दलों द्वारा मिली जांच के आधार पर विवाह अपात्र पाए गए हैं, इनमें जपं सीईओ को नोटिस जारी करके जवाब चाहा गया है, वरिष्ठ अधिकारियों को मामले की सूचना दी गई है।
-प्रियांशी भंवर, डिप्टी कलेक्टर व प्रभारी उपसंचालक, सामाजिक न्याय विभाग
पंचायतों द्वारा सम्मेलनों में जोड़ों को विवाह के लिए लाया जाता है, इनके विरुद्ध नोटिस जारी किए गए थे। इनकी जांच की जा रही है, नए अपात्र मिले विवाहों के मामले में भी कार्रवाई की जाएगी।
-अजय सिंह, सीईओ, बड़ामलहरा
Created On :   24 Aug 2020 3:14 PM IST