सूचना और प्रसारण मंत्रालय भारत विरोधी ताकतों से निपटने में मीडिया की अहम भूमिका है: श्री श्रीपद नाइक

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
सूचना और प्रसारण मंत्रालय भारत विरोधी ताकतों से निपटने में मीडिया की अहम भूमिका है: श्री श्रीपद नाइक

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ‘भारत विरोधी ताकतों से निपटने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह मीडिया से जुड़े लोगों सहित हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम यह सुनिश्चित करें कि हमारे देश के खिलाफ भारत विरोधी ताकतों द्वारा हमारे मीडिया का दुरुपयोग नहीं हो सके।’यह बात रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने रक्षा कर्मियों के लिए गुरुवार को भारतीय जनसंचार संस्थान द्वारा आयोजित मीडिया संचार पाठ्यक्रम के विदाई कार्यक्रम में कही। इस अवसर पर भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी,अतिरिक्त महानिदेशक (प्रशासन) श्री के. सतीश नंबूदरीपाद और अतिरिक्त महानिदेशक (प्रशिक्षण) श्रीमती ममता वर्मा भी उपस्थित थीं। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अपनी बात रखते हुए श्री नाइक ने कहा कि आज,जब फर्जी खबरों और नफरत की खबरों का चलन बढ़ रहा है,सबके लिए मीडिया साक्षरता की जरूरत है। नए मीडिया के इस युग में,मीडिया साक्षरता न केवल संचारकर्ताओं के लिए,बल्कि समाज के हर वर्ग के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आज,जब लगभग सभी लोगों के हाथों में स्मार्टफोन है,मीडिया के दुरुपयोग की संभावना कई गुना बढ़ गई है और इसे केवल मीडिया साक्षरता के माध्यम से ही नियंत्रित किया जा सकता है। रक्षा राज्य मंत्री के अनुसार,मीडिया साक्षरता हमें उन मनोवैज्ञानिक युद्ध का मुकाबला करने में भी मदद करती है जो हम आज विश्व स्तर पर देखते हैं। हमें भारत विरोधी ताकतों द्वारा एक उपकरण के रूप में अपनाए जा रहे इस मनोवैज्ञानिक युद्ध से सचेत रहना होगा। उन्होंने कहा कि हमें यह सीखना होगा कि देश और देशवासियों की बेहतरी के लिए मीडिया की ताकत का इस्तेमाल कैसे किया जाए। श्री नाइक ने कहा कि भारतीय रक्षा बलों का साहस, उनकी वीरता,प्रतिबद्धता और समर्पण अद्वितीय हैं। फिर भी देश में ऐसे तत्व हैं जो उनकी छवि को धूमिल करने में चौबीसों घंटे सक्रिय रहते हैं। उन्होंने कहा कि हम अपने रक्षा बलों के खिलाफ सभी शातिर अभियानों का सही मीडिया दृष्टिकोण अपनाकर और संगठित तरीके से विभिन्न मीडिया प्लेटफार्मों का उपयोग करके मुकाबला कर सकते हैं। इस अवसर पर आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि आज पूरी दुनिया कोरोना महामारी का सामना कर रही है। कोरोना के इस युग में, एक शब्द बहुत लोकप्रिय हो गया है और इसके कई परिणाम भी देखे गए हैं। यह शब्द है "इन्फोडेमिक"। यह शब्द अत्यधिक सूचना या बोलचाल की जानकारी के विस्फोट के संदर्भ में इस्तेमाल होता है। उन्होंने कहा कि जब सूचनाओं के इस भंडार से यह चुनना मुश्किल हो जाता है कि किस जानकारी पर विश्वास किया जाए और किस पर नहीं तो ऐसी स्थिति में इस पर चर्चा करना जरूरी हो जाता है। और, इस चर्चा का नाम है मीडिया और सूचना साक्षरता। प्रो. द्विवेदी ने कहा कि आज फर्जी खबर अपने आप में एक बड़ा व्यवसाय बन गया है और डिजिटल मीडिया ने भी इसे प्रभावित किया है। ऐसी स्थिति में मीडिया साक्षरता की आवश्यकता बढ़ जाती है। इस कार्यक्रम का संचालन श्रीमती विष्णुप्रिया पाण्डेय ने किया, जो आईआईएमसी में पाठ्यक्रम समन्वयक के रूप में इन मीडिया संचार पाठ्यक्रमों को पूरा कराने का दायित्व निभा रही हैं। आईआईएमसी हर साल रक्षा कर्मियों के लिए मीडिया और संचार से संबंधित अल्पकालिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम आयोजित करता है। कैप्टन के स्तर से लेकर ब्रिगेडियर स्तर तक के अधिकारी इन पाठ्यक्रमों में भाग लेते हैं। कोरोना के कारण,यह प्रशिक्षण कार्यक्रम इस वर्ष पहली बार ऑनलाइन आयोजित किया गया है। इस वर्ष लोक मीडिया से लेकर नए मीडिया और आधुनिक संचार तकनीकों की जानकारी सैन्य अधिकारियों को प्रदान की गई है। इसके अलावा,नए मीडिया युग में,सेना और मीडिया के बीच संबंधों को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है,इसका प्रशिक्षण भी अधिकारियों को दिया गया है।

Created On :   11 Dec 2020 3:41 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story