साईंसेवा मंडल के 11,736 सदस्यों की सदस्यता रद्द

Membership of 11,736 members of Saiseva Mandal canceled
साईंसेवा मंडल के 11,736 सदस्यों की सदस्यता रद्द
विवाद गहराया साईंसेवा मंडल के 11,736 सदस्यों की सदस्यता रद्द

डिजिटल डेस्क, नागपुर।   साईंबाबा सेवा मंडल का संगठनात्मक विवाद गहराने लगा है। सहधर्मादाय आयुक्त आभा कोल्हे ने 11,736 साईंभक्तों की सदस्यता रद्द कर दी है। लिहाजा, साईंभक्तों में असंतोष है। इस मामले को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करने की तैयारी की जा रही है।

यह है मामला : पांच वर्ष पूर्व साईंबाबा सेवा मंडल का चुनाव घोषित किया गया था। उस समय धर्मादाय आयुक्त कार्यालय के माध्यम से सदस्यता पंजीयन शुरू किया गया। साईंबाबा के भक्तों ने कतारबद्ध होकर नाम पंजीयन कराया। पंजीयन के लिए एक हजार रुपए प्रति व्यक्ति शुल्क लिया गया था। सेवा मंडल के तत्कालीन पदाधिकारियों ने इस विषय पर आपत्ति दर्ज कराई थी। यह विवाद उच्च न्यायालय से उच्चतम न्यायालय में पहुंचा था। उच्चतम न्यायालय ने धर्मादाय आयुक्त को दिए आदेश में कहा था कि, जिनके नामों पर आपत्ति है उनके मामले में सुनवाई करके प्रकरण का निराकरण कराया जाए। साथ ही यह भी निर्देश दिया गया था कि, उस समय के चुनाव को छोड़े, आगे के सभी चुनावों के लिए सभी सदस्यों को मतदान का अधिकार दिया जाए। तत्कालीन सह धर्मादाय आयुक्त ने नियमानुसार सभी प्रक्रिया पूरी करके 11,736 भक्तों के नाम पंजीयन वैध कराए थे, लेकिन वर्तमान सह धर्मादाय आयुक्त आभा कोल्हे ने सभी नामों को अवैध ठहराया है। सदस्यता रद्द करने के पहले संबंधित सदस्य को नोटिस नहीं दिया गया। यहां तक कि, सदस्यता रद्द करने की सूचना भी नहीं दी गई।

मतदान के अधिकार का विरोध
जय जवान जय किसान संगठन के अध्यक्ष प्रशांत पवार ने कहा है कि, साईंबाबा सेवा मंडल के वर्तमान कार्यकारिणी को पराजय का भय है। मंडल में घोटाला की शिकायत मिलती रही है। घोटाला उजागर होने के भय से नए सदस्यों के पंजीयन व उनके मतदान के अधिकार का िवरोध किया जा रहा है। सह धर्मादाय आयुक्त को भी मैनेज किए जाने का आरोप पवार ने लगाए हैं।  उच्चतम न्यायालय के आदेश का जिक्र करते हुए पवार ने कहा है कि, सह धर्मादाय आयुक्त की भूमिका की जांच होना चाहिए। इस मामले को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दाखल की जाएगी। 

 


 

Created On :   20 Sep 2021 9:07 AM GMT

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