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स्कूलों में जाएंगे मेडिकल छात्र, नीट के लिए बच्चें को करेंगे तैयार
डिजिटल डेस्क, शहडोल । जिले में संचालित मेडिकल कॉलेज से जहां पूरे संभाग में लोगों को बेहतर चिकित्सा की सुविधा मिली है। वहीं अब इसकी मदद से जिले के बच्चों का भविष्य भी संवारा जाएगा। मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थी स्कूलों में जाकर बच्चों को मेडिकल की पढ़ाई के लिए प्रेरित करेंगे। कॅरियर काउंसलिंग की तर्ज शुरू होने वाले इस संवाद के माध्यम से बच्चों को प्रेरित कर भविष्य के लिए उनके लक्ष्य निर्धारित करने में भी मदद की जाएगी। संभागायुक्त राजीव शर्मा की अगुवाई में शुरू हो रही इस सकारात्मक पहल का नाम उतिष्ठ (जागो) अभियान दिया गया है। इसकी शुरुआत २६ मार्च से होगी। इसमें मुख्य रूप से आठवीं और १०वीं के विद्यार्थियों को फोकस करते हुए उनकी रुचि के हिसाब से लक्ष्य निर्धारण में मदद की जाएगी। अभियान के पहले चरण में मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थी स्कूलों में जाएंगे। जबकि दूसरी चरण में स्कूल के विद्यार्थियों को अलग-अलग तिथियों में मेडिकल कॉलेज का भ्रमण कराया जाएगा।
८वीं, १०वीं पर फोकस
संभागायुक्त राजीव शर्मा ने बताया कि पहले और दूसरे चरण की प्रक्रिया एक तरह से स्क्रीनिंग करना है। मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट स्कूल में जाकर बच्चों से बात करेंगे। इसके बाद बच्चे मेडिकल कॉलेज के भ्रमण करेंगे। इसके बाद विज्ञान विषय में रुचि रखने वाले ऐसे विद्यार्थी जो मेडिकल की पढ़ाई के इच्छुक मिलेंगे। उनको सतत मार्गदर्शन के लिए काम किया जाएगा। आठवीं और १०वीं के विद्यार्थियों को इसलिए फोकस किया जा रहा है, ताकि सबसे पहले उनका लक्ष्य निर्धारित हो और इसके बाद उनको सही तरीके से गाइड किया जा सके। निर्धन बच्चों के लिए कौन से लोन, स्कॉलरशिप मिल सकती है, इसकी जानकारी भी दी जाएगी। अभियान के अगले फेज में शिक्षा एवं ट्राइबल विभाग के सहयोग से युवाओं को एनआईटी, यूपीएससी, पीएससी, एनडीए, एनआईएफटी, होटल मैनेजमेंट रेलवे एवं अन्य सेवाओं में भर्ती के संबंध में मार्गदर्शन दिया जाएगा।
प्राचार्यों की हुई बैठक
अभियान के क्रियान्वयन के लिए सोमवार को कमिश्नर कार्यालय में शिक्षा विभाग, ट्राइबल विभाग के अधिकारियों, शासकीय-अशासकीय स्कूलों के प्राचार्यों की बैठक हुई। कमिश्नर ने कहा कि उतिष्ठित अभियान का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों की प्रतिभा को पहचानना और मार्गदर्शन देकर प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए आत्मविश्वास बढ़ाना है। ऐसे बहुत से प्रतिभावान विद्यार्थी हैं जो आईएएस, आईपीएस बन सकते थे। वे आज शिक्षक या अतिथि शिक्षक ही हैं। बैठक में डीन मेडिकल कॉलेज डॉ. मिलिंद शिरालकर, संयुक्त संचालक शिक्षा सुखदेव मरावी, उपायुक्त ट्राइबल ऊषा अजय सिंह आदि मौजूद रहे।
Created On :   15 March 2022 3:31 PM IST