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सड़क किनारे से हटाए जा रहे बाजार, आयुक्त के आदेश पर कार्रवाई
डिजिटल डेस्क, नागपुर। यातायात की समस्या का हवाला देकर शहर में सड़क किनारे लगने वाले बाजार हटाए जा रहे हैं। आयुक्त तुकाराम मुंढे के आदेश पर शुरू की गई कार्रवाई से बाजारों में हड़कंप मचा हुआ है। महापौर संदीप जोशी ने कार्रवाई का समर्थन करते हुए कहा है कि, हाईकोर्ट के आदेश पर कानूनी सलाह लेकर कार्रवाई की जा रही है। वहीं, कांग्रेस के नगरसेवक प्रफुल्ल गुड़धे ने इसका विरोध किया है। स्ट्रीट वेंडर एक्ट का हवाला देकर उन्होंने मनपा की कार्रवाई को अवैध बताया है। जब तक टाउन वेंडर कमेटी निर्णय नहीं लेती, तब तक फुटपाथ व्यवसायी तथा बाजारों को हटाने का उन्होंने तीव्र विरोध किया है। उन्होंने कहा कि, मनपा की अवैध कार्रवाई को रोकने के लिए संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर रास्ते पर उतरकर आंदोलन करने की चेतावनी भी उन्होंने पत्र परिषद में दी।
कानूनी सलाह लेकर कार्रवाई : महापौर
सड़कों पर अतिक्रमण शहर की बड़ी समस्या है। 24 नवंबर से ‘वॉक एंड टॉक’, ‘मेयर विथ ब्रेकफास्ट’, वरिष्ठ नागरिक तथा 184 एनजीओ के साथ चर्चा में अतिक्रमण का मुद्दा उठाया गया। 7 दिसंबर-2019 को अतिक्रमण पर विशेष आमसभा बुलाई गई थी। उस समय सभी दलों के सदस्यों ने अतिक्रमण की चर्चा में हिस्सा लिया था। शहर के नागरिक और सभागृह की भावना को देखते हुए अतिक्रमण हटाने का निर्णय लिया गया था। हाईकोर्ट ने भी यातायात की समस्या पर ठोस उपाययोजना करने के निर्देश दिए हैं। कानूनी सलाह लेकर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की गई है।
लोकतंत्र में सभी को समर्थन या विरोध करने का अधिकार है। गुड़धे इसका विरोध कर रहे हैं, तो वह उनका अधिकार है। 2 वर्ष पूर्व धंतोली में हॉकर्स के विरोध में कार्रवाई का विरोध करने मोर्चा निकाला गया था। 150 हॉकर्स को हटाया गया था। इसमें नागपुर के केवल 11 हॉकर्स थे। बाहरी लोगों के अतिक्रमण का खामियाजा शहर के नागरिक भुगत रहे हैं। मैं हॉकर्स के विरोध में नहीं हूं, लेकिन निर्धारित जगह छोड़ रास्तों पर दुकान लगाने का विरोध है। इस समस्या से निपटने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
स्ट्रीट वेंडर को दें कानूनी संरक्षण : गुड़धे
नगरसेवक प्रफुल्ल गुड़धे का मनना है कि, फुटपाथ, हाथठेले पर व्यवसाय करने वाले हॉकर्स, प्राकृतिक बाजार में छोटी-छोटी दुकान लगाकर व्यवसाय करने वाले दुकानदारों को स्ट्रीट वेंडर एक्ट-2014 में संरक्षण दिया गया है। उन्हें यातायात में बाधा डालने का हवाला देकर हटाया नहीं जा सकता। स्ट्रीट वेंडर का सर्वेक्षण कर संख्या निश्चित करने, संख्या के अनुपात जगह आरक्षित करने और दुकानदारों को जगह आवंटित करनी चाहिए। यह संपूर्ण अधिकार टाउन वेंडिंग कमेटी को दिए गए हैं। तब तक स्ट्रीट वेंडर को जिस जगह व्यवसाय कर रहे हैं, उस जगह व्यवसाय करने का कानूनी संरक्षण प्राप्त है।
यातायात में व्यवधान की आड़ लेकर उन्हें हटाया नहीं जा सकता। टाउन वेंडिंग कमेटी के हाल ही में चुनाव हुए हैं। कमेटी के गठन का प्रस्ताव सरकार के पास भेजा गया है। कमेटी की न तो कोई मीटिंग हुई और न कोई हटाने का निर्णय लिया गया है। कमेटी कार्यान्वित होने के बाद शहर के हॉकर्स आैर प्राकृतिक बाजार का सर्वेक्षण करेगी। स्ट्रीट वेंडर की संख्या निश्चित कर वैकल्पिक जगह निर्धारित करनी होगी। दुकानदारों को जगह आवंटित करने के बाद दायरे से बाहर लगाई गई दुकानों को हटाया जा सकता है।
तंज : स्ट्रीट वेंडरों के साथ भी हो ‘वॉक एंड टॉक’
कांग्रेस के नगरसेवक प्रफुल्ल गुड़धे ने तंज कसते हुए कहा कि, बाजार हटाने की मनमानी कार्रवाई से दुकानदार दहशत में जी रहे हैं। शहर के एक लाख दुकानदारों के सामने रोजी-रोटी की समस्या पैदा हो गई है। महापौर उद्यानों में ‘वॉक एंड टॉक’ के माध्यम से नागरिकों की समस्या जानते हैं। कभी स्ट्रीट वेंडरों के साथ भी ‘वॉक एंड टॉक’ कर उनकी समस्या जाननी चाहिए।
Created On :   5 Feb 2020 1:41 PM IST