पुरानी बीमारी का हवाला देकर मणिपाल सिग्ना ने कर दिया नो क्लेम

Manipal Cigna made no claim citing chronic illness
पुरानी बीमारी का हवाला देकर मणिपाल सिग्ना ने कर दिया नो क्लेम
बीमित का आरोप- हमारे साथ किया जा रहा धोखा पुरानी बीमारी का हवाला देकर मणिपाल सिग्ना ने कर दिया नो क्लेम

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। गुमराह करते हुए भटकाने का खेल अगर सीखना है तो बीमा कंपनियों के क्लेम डिपाटमेंट, सर्वेयर टीम के साथ ही ब्रांच के अधिकारियों से आसानी से सीखा जा सकता है। ये लोग आम लोगों को क्लेम न देना पड़े इसके लिए तरह-तरह के नियम व शर्तें अचानक लेकर आ जाते हैं और पॉलिसीधारक को पहले कैशलेस से इनकार करते हैं और इलाज के बाद जब बिल सबमिट करते हैं, तो पुरानी बीमारी का हवाला देकर बीमा कंपनी के द्वारा हाथ खड़े कर लिए जाते हैं। पॉलिसीधारकों का आरोप है कि बीमा अधिकारियों के द्वारा मनमर्जी से कार्य किया जा रहा है और प्रीमियम लेते वक्त सारे वादे करते हैं तथा जब बीमा क्लेम लेने के लिए बिल दिए जाते हैं, तो उनमें खामियाँ निकालकर नो क्लेम का लैटर भेज देते हैं। बीमा कंपनियों के जिम्मेदारों से कारण पूछा जाता है तो किसी तरह का जवाब नहीं दिया जाता है।

इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ 

स्वास्थ्य बीमा से संबंधित किसी भी तरह की समस्या आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर के मोबाइल नंबर - 9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।

प्रीमियम वापस किए बिना ही पॉलिसी कर दी निरस्त

गुजरात वडोदरा कृष्णा टाउनशिप निवासी दीपक कुमार राठौड़ ने अपनी शिकायत में बताया कि वे मणिपाल सिग्ना इंश्योरेंस कंपनी से वर्ष 2016 से पॉलिसी कराते हुए आ रहे हैं। अचानक पत्नी का स्वास्थ्य खराब होने के कारण निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। मार्च 2022 में इलाज के दौरान चिकित्सकों ने बताया कि पत्नी शीतल राठौड़ को पेट में गांठ है और उसका इलाज करना पड़ेगा। बीमा कंपनी को कैशलेस के लिए सूचना दी गई, तो बीमा कंपनी ने कैशलेस करने से इनकार करते हुए कहा कि आप बिल सबमिट करेंगे तो पूरा भुगतान बीमा कंपनी करेगी। बीमित के द्वारा इस तरह तीन बार इलाज करवाया गया और जब सारे बिल कंपनी में सबमिट हुए तो जिम्मेदारों ने यह कहते हुए क्लेम रिजेक्ट कर दिया कि आपके द्वारा बीमारी छुपाई गई थी, इसलिए हम बीमा क्लेम नहीं देंगे। बीमित ने सारे तथ्य रखे उसके बाद भी बीमा अधिकारी नहीं माने और पॉलिसी को निरस्त कर दिया गया। पीड़ित का आरोप है कि 6 साल से पॉलिसी का संचालन किया जा रहा है उसके बाद भी बीमा अधिकारियों द्वारा गोलमाल किया गया। इनके विरुद्ध जालसाजी का मामला प्रशासन को दर्ज करना चाहिए।
 

Created On :   19 Dec 2022 3:22 PM IST

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