शिकार करने बिछाए गए विद्युत करंट की चपेट में आने से नर व मादा तेंदुए की मौत

Male and female leopard died due to electric current laid for hunting
शिकार करने बिछाए गए विद्युत करंट की चपेट में आने से नर व मादा तेंदुए की मौत
शिकार करने बिछाए गए विद्युत करंट की चपेट में आने से नर व मादा तेंदुए की मौत



डिजिटल डेस्क बालाघाट। वन्यप्राणी का शिकार करने बिछाए गए विद्युत करंट की चपेट में आने से दो तेंदुआ की मौके पर ही मौत हो गई। घटना जिले के परसवाड़ा क्षेत्र अंतर्गत वन परिक्षेत्र पूर्व बैहर सामान्य के खुरमंडी बीट की है। रविवार की सुबह विभागीय तौर पर मृत दोनों ही नर एवं मादा तेंदुआ का शव बरामद कर अंतिम संस्कार किया गया। विभागीय तौर पर जानकारी के अनुसार खुरमुंडी बीट के अन्तर्गत कम्पार्टमेंट के समीप ही राजस्व क्षेत्र लगा हुआ है। 1 जून रविवार की सुबह करीब 9 बजे ग्रामीणों से वन विभाग को सूचना मिली कि मौके पर एक नर और एक मादा तेंदुआ का शव पड़ा हुआ है। मृत तेंदुआ के शव के पास 11 केवी बिजली के पोल लगे हैं, पोल से ही लगे हुये नाले सहित राजस्व क्षेत्र में जंगली जानवरों के शिकार के लिए कुछ अज्ञात व्यक्तियों द्वारा बिजली के तार बिछा कर करंट फैलाया था।
6 मीटर दूरी पर मृत मिले दोनों तेंदुआ
दोनो शवों की दूरी लगभग 6 मीटर के आसपास बताई जा रही है। हालाकि  वन अमले द्वारा दोनो तेंदुआ के शव का पोस्टमार्टम कराया तथा सैंपल लिया गया। मुख्य वन सरंक्षक नरेन्द्र सनोडिय़ा, डीएफओ ब्रजेन्द्र श्रीवास्तव, एसडीओ मोहम्मद मॉज तथा अन्य वन अधिकारियों की मौजूदगी में मृत दोनों तेंदुआ का अपरान्ह के दौरान दाह संस्कार किया गया। जानकारों का कहना है कि जंगली शूकर, कोटरी, हिरण के शिकार के लिए जंगलों में विद्युत करंट बिछाकर शिकार किया जाता है यही वजह है कि करंट की चपेट में आने से दो तेंदुआ की मौत होने से प्रथम दृष्टया इंकार नही किया जा रहा है। विभागीय तौर पर कुछ संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है।
इनका कहना है
 जिले का वन परिक्षेत्र पूर्व बैहर सामान्य, हर्राभाट खुरमुंडी राजस्व ग्राम है, यहां पर ग्रामीणों से हमें सूचना मिली थी कि दो मृत तेंदुआ पड़े है। सूचना पर सुबह वन अमला मौके पर पहुंचा था और वेटरनरी डॉक्टर को बुलाकर उसका पोस्टमार्टम करवाया गया। दोनों तेंदुए के शव के सैंपल ले लिए गए हैं और डॉग स्क्वायड की मदद से दो तीन संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है। पीएम रिपोर्ट आने के पश्चात ही कुछ स्पष्ट तौर पर कहा जा सकता है।
नरेन्द्र सनोडिया, मुख्य वनसंरक्षक

Created On :   13 Jun 2021 10:03 PM IST

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