महासमुन्द : गौठान बनी आय का जरिया : लाकडाउन के दौरान गौठान में सब्जी उगाकर महिलाओं ने की आमदनी

डिजिटल डेस्क, महासमुन्द। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बावजूद यहां के मूल निवासी एवं रहवासियों को विकास का लाभ नहीं मिल सका, जिनके वे असली हकदार थे। गिरता हुआ जल स्तर, खेती में लागत की बढ़ोतरी, मवेशी के लिए चारा संकट आदि ने स्थिति को और भयावह बना दिया। साल 2018 के अंत में नई सरकार के गठन के बाद से छत्तीसगढ़ के ग्रामीणों की अर्थव्यवस्था में मजबूती आ रही है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा अउ बाड़ी शुरू की। इस योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में भू-जल रिचार्ज, सिंचाई और आधुनिक खेती में मदद, किसानों को दोहरी फसल लेने में आसानी हुई। पशुओं की उचित देखभाल सुनिश्चित हो सकी। परम्परागत् किचन गार्डन एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मजबूती आई है। छत्तीगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी योजना के तहत् बने गौठान अब महिला स्व-सहायता समूह के आमदनी का जरिया बन रहा है। जिले के गौठान ग्राम को बहुउद्देशीय केन्द्र के रूप में विकसित किये जा रहे है। बाड़ी में सब्जी-भाजी उत्पादन करने हेतु समूह को प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रतिज्ञा महिला स्व-सहायता समूह द्वारा गौठान में टमाटर, बैंगन, लौकी, धनिया, मेथी भाजी एवं गेंदे के फूल की खेती की जा रही है तथा जय सतनाम स्व-सहायता समूह द्वारा आलू की खेती की गई है। लाकडाउन के समय प्रतिज्ञा महिला स्व-सहायता समूह द्वारा घर-घर जाकर 5 क्विंटल सब्जी बेचकर आठ हजार से दस हजार तक का आय अर्जित किया गया है। स्व-सहायता समूहों के सदस्यों द्वारा गौठान भूमि में हरा चारा का उत्पादन किया जा रहा है। खाली गौठान भूमि में सब्जी लगाने का कार्य पुनः स्व-सहायता समूह द्वारा शुरू कर दिया है। स्व-सहायता समूहों के सदस्यों ने गौठान के निर्माण के लिए राज्य शासन का आभार व्यक्त किया है।
Created On :   10 Feb 2021 3:30 PM IST