धुलिया में छिड़ी अस्तित्व की लड़ाई , जालना में अपने आमने-सामने

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
धुलिया में छिड़ी अस्तित्व की लड़ाई , जालना में अपने आमने-सामने

डिजिटल डेस्क, धुलिया। धुलिया में दो पूर्व विधायकों में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ने लगा है। आरोप-प्रत्यारोप शुरू है। इस बार धुलिया शहर में प्रमुख राजनीतिक दलों का नामोनिशान नहीं रहा। दो निर्दलीय उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं और इनके बीच कांटे की टक्कर होने की संभावना है। अनिल गोटे और कदमबांडे राजनीतिक अस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। विधायक अनिल गोटे को एनसीपी कांग्रेस ने समर्थन देकर गठबंधन में शामिल किया है। यह वही गोटे हैं जो सरेआम एनसीपी कांग्रेस के नेताओं पर व्यक्तिगत हमला बोला करते थे। गोटे मुस्लिमों पर भी डोरे डाल रहे हैं, वहीं कदमबांडे समर्थक सोशल मीडिया पर गोटे के संघी होने के फोटो वायरल कर रहे। दूसरी तरफ, राजवर्धन कदम बांडे पर बीजेपी समर्थित उम्मीदवार होने का आरोप है। दोनों उम्मीदवारों की ओर से व्यक्तिगत टीका-टिप्पणी के साथ ही आरोप-प्रत्यारोप का दौर चरम पर है। 

जालना में दानवे भाइयों की ‘जंग’

जालना जिले के भोकरदन, जाफराबाद विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में दानवे परिवारवाद बढ़ता नजर आ रहा है। वर्ष 2014 के चुनाव में केंद्रीय राज्यमंत्री रावसाहब दानवे के पुत्र संतोष दानवे तथा राकांपा की ओर से पूर्व विधायक चंद्रकांत दानवे के बीच चुनावी जंग छिड़ी थी। इसमें युवा  संतोष दानवे बाजी मार गए। इस चुनाव में सांसद तथा केंद्रीय राज्यमंत्री रावसाहब दानवे ने अपने पुत्र को विजयी बनाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाया, जिससे विधायक चंद्रकांत दानवे हार गए। पिछले पांच वर्षों में एक भी ऐसा मौका नहीं गया, जिसमें पूर्व विधायक चंद्रकांत दानवे को अपने पराजय की टिस नहीं रही। वे समय- समय पर इस बात को अप्रत्यक्ष रूप से बयां करते रहे हैं। इस बार भी चुनाव मैदान में राकांपा की ओर से चंद्रकांत दानवे, भाजपा के संतोष दानवे से भिड़ेंगे।  यहां भी अपने-अपने चुनाव मैदान में आमने सामने हैं और लोग दोनों की जीत के अपने-अपने कयास लगा रहे हैं। 

Created On :   16 Oct 2019 1:23 PM IST

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