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निर्दलीयों के रास्ते लखनादौन में खिला कमल, समर्थित उम्मीदवार को नहीं मिली जीत
डिजिटल डेस्क,सिवनी। पिछले कई दिनों से चली आ रही उहापोह की स्थिति में सोमवार को विराम लग गया और निर्दलियों ने लखनादौन नगरपरिषद में अपना परचम फ हरा दिया। हालांकि भाजपा इसे अपने प्रत्याशियों की जीत बता रही है। वहीं निर्दलीयों की इस जीत से लखनादौन के कद्दावर भाजपा नेता और सिवनी विधायक दिनेश राय को तगड़ा झटका माना जा रहा है।
बड़े नेताओं ने डाल दिया था डेरा
सोमवार को नगर परिषद लखनादौन के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव था। इसके पहले भाजपा और कांग्रेस अपनी कम सीटें होने के बावजूद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष पद के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगा रहे थे। भाजपा के जिलाध्यक्ष आलोक दुबे ने पिछले तीन दिनों से लखनादौन में डेरा डाल रखा था। उनके साथ लखनादौन सिवनी नगर चुनाव प्रभारी अमिता चपरा भी थीं। लगातार बैठकों, मेल मुलाकातों का दौर जारी रहा। बावजूद इसके भाजपा और कांग्रेस के बागी और निर्दलीय टस से मस होते नजर नहीं आ रहे थे। अध्यक्ष पद के लिए तस्वीर काफी कुछ साफ नजर आ रही थी लेकिन उपाध्यक्ष को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई थी।
निर्दलीयों ने जीती परिषद
सोमवार की सुबह लखनादौन के तहसील सभाकक्ष में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरु हुई। एसडीएम सिद्धार्थ जैन तथा अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में चुनाव प्रक्रिया शुरु हुई। निर्दलीय प्रत्याशी मीना गोल्हानी ने अध्यक्ष पद पर विजयश्री का वरण किया। मीना गोल्हानी ने भाजपा की अधिकृत प्रत्याशी मंजू साहू को नौ के मुकाबले छह वोटों से शिकस्त दे दी।
उपाध्यक्ष में लॉटरी से फैसला
इसी प्रकार उपाध्यक्ष पद के लिए हुए चुनावों में विजूषा राजपूत और सीताराम चौकसे के बीच तगड़ा मुकाबला था। 15 सदस्यों की परिषद में दोनों को सात-सात वोट मिले और एक पर्चा रिक्त निकला। जिसके बाद लॉटरी निकलवाई गई। पहले एक बच्चे ने दोनों ही नामों की पर्चियां बाहर निकाल लीं। जिसके बाद दूसरे बच्चे को बुलाया गया और यहां पर विजूषा राजपूत की किस्मत ने साथ दिया।
लगातार चौथी बार निर्दलीयों का कब्जा
यदि इतिहास की बात करें तो लगातार चौथी बार नगरपरिषद में निर्दलीयों की विजय हुई है। इसके पहले दिनेश राय, उनकी मां सुधा राय, भाई जितेंद्र राय निर्दलीय जीत चुके थे। इस बार इन चुनावों में दिनेश राय का तिलिस्म टूटता नजर आया। दिनेश राय मंजू किशन साहू के लिए प्रयास करते नजर आ रहे थे लेकिन उन्हे सफलता नहीं मिली। भाजपा जिलाध्यक्ष आलोक दुबे का कहना है कि जीते हुए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष भाजपा के ही कार्यकर्ता है और यहा उनकी जीत है। पार्टी नेताओं और पर्यवेक्षक के समक्ष दोनों ने हामी भरी है। हालांकि इस संबंध में अध्यक्ष उपाध्यक्ष से संपर्क नहीं हो पाया।
Created On :   18 Oct 2022 3:03 PM IST