हत्या कर शव जलाने वाले डिप्टी रेंजर सहित 6 को आजीवन कारावास
डिजिटल डेस्क,सिवनी। जंगल से पकड़कर अपने शासकीय आवास पर लाकर एक ग्रामीण की पीट-पीटकर हत्या और जंगल में ले जाकर उसका शव जलाने के सनसनीखेज मामले में आरोपी डिप्टी रेंजर संतोष उइके पिता परसादी लाल सहित 6 को न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आजीवन कारावास की सजा पाने वाले अन्य आरोपियों में फूलसिंह पिता बादामी उइके, दिलीप पिता दीपचंद ठाकरे, सरमन पिता बलिराम विश्वकर्मा, संतोष पिता देवाजी मेश्राम, संतोष पिता दसरथ धराडे शामिल हैं। सभी को 3-3 हजार रुपए के अर्थदण्ड से भी दण्डित किया गया है। इस मामले में आरोपी बनाए गए सिकेन्द्र हरिनखेड़े एवं सुरेन्द्र हरिनखेड़े को न्यायालय द्वारा सबूतों के अभाव में बरी किया गया है।
राख के अंदर सुलग रही थी आग
बरघाट थाना में 6 जून 2018 को बेहरई के वन परिक्षेत्र अधिकारी मुन्ना लाल विश्वकर्मा ने लिखित आवेदन दिया था। आवदेन में उल्लेख था कि डिप्टी रेंजर संतोष उइके 5 जून 2018 की सुबह 6:30 बजे ग्राम गांगपुर के रूपचंद पिता सखाराम यादव उम्र 42 साल को जंगल से पकड़ कर अपने शासकीय निवास स्थान पर लेकर आया। इसके बाद उसऩे चौकीदारों के साथ मिलकर मारपीट कर रूपचंद से पूछताछ की, जिससे शाम 4 बजे उसकी मृत्यु हो गई। इसके बाद साक्ष्य छिपाने के इरादे से डिप्टी रेंजर चौकीदारों के साथ मिलकर अपने निजी वाहन में रात को लाश बेहरई के जंगल में ले गया और शव जला दिया। यह आवदेन में मिलते ही पुलिस हरकत में आ गई। मर्ग कायम कर विवेचना किट, कैमरा, कार्यपालक मजिस्ट्रेट, जिला वैज्ञानिक अधिकारी एवं थाना स्टाफ एवं आरोपी डिप्टी रेंजर संतोष उइके को तलब कर उसके बताए अनुसार घटनास्थल पर पहुंचे। मौके पर मृतक का शव पूर्ण रूप से जल चुका था। चिता में राख के अंदर आग सुलग रही थी। मौके का पंचनामा पुलिस द्वारा तैयार किया गया और चिता से हड्डियां, राख एवं घटना स्थल की मिट्टी जब्त की गई।
गवाह मुकरे, वैज्ञानिक साक्ष्यों पर सजा
बरघाट के तत्कालीन थाना प्रभारी खेमेन्द्र जैतवार मर्ग क्रमांक 37/18 धारा 174 जा.फौ. कायम कर विवेचना करते हुए गवाह चौकीदार बैरागी सिरसाम के कथन लेखबद्ध किए। डिप्टी रेंजर के शासकीय आवास में फर्श पर पाए गए रक्त जब्ती की कार्रवाई की गई। जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ धारा 302, 201,147 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर अभियोग पत्र तृतीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश खालिद मोहतरम अहमद के न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक लोकेश घोरमारे ने पैरवी करते हुए साक्ष्य प्रस्तुत किए। प्रकरण के गवाह न्यायालय में अपने पुलिस को दिए कथनों से मुकर गए थे, परंतु वैज्ञानिक साक्ष्य एवं परिस्तिथिजन्य सबूत के आधार पर तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश खालिद मोहतरम अहमद ने डिप्टी रेंजर सहित 6 आरोपियों को आजीवन कारावास एवं 3-3 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया है।
Created On :   17 Jan 2023 6:09 PM IST