- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- गोंदिया
- /
- डायलिसिस के सहारे किडनी फेल मरीजों...
डायलिसिस के सहारे किडनी फेल मरीजों की चल रहीं सांसें
डिजिटल डेस्क, गोंदिया। जिले के मेडिकल कॉलेज के नियंत्रण में संचालित जिला केटीएस अस्पताल में डायलिसिस यूनिट के आंकड़ों से जिले में किडनी मरीजों की तादाद में इजाफा हुआ है। यूनिट में पिछले वर्ष 2897 मरीजों का पंजीयन हुआ है। जिनकी किडनी फेल हो चुकी है और डायलिसिस के सहारे जीवन जीने मजबूर हैं। इस संदर्भ में चिकित्सकों ने बताया कि, खराब खानपान की वजह से किडनी फेल मरीजों की संख्या दिनोंदिन बढ़ रही है।
जो गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। जिला अस्पताल में प्रतिदिन 10 किडनी फेल मरीजों का डायलिसिस किया जा रहा है। उनमें कोरोना संक्रमित मरीजों का भी समावेश है। यहां बता दें कि, गलत खानपान समय से पहले गंभीर बीमारी का शिकार बना रहा है। पिछले कुछ वर्षों से किडनी मरीज अधिक पाए जा रहे हैं। जिला केटीएस अस्पताल में किडनी फेल मरीजों की संख्या दिनोंदिन बढ़ रही है।
जिला अस्पताल में शासन की बुनियादी सुविधाओं का लाभ उठाने तथा उपचार करवाने सैकड़ों की तादाद में मरीज पहुंच रहे हैं। मरीजों की जांच चिकित्सकों द्वारा की जा रही है। जांच के दौरान किडनी फेल होने का पता लक्षण देखने के बाद सामने आ रहा है। बताया जाता है कि, इनमें वे मरीज हैं, जो लंबे समय से या तो शराब का सेवन कर रहे हैं या फिर दर्द होने पर हाईपॉवर दवाइयों का नियमित सेवन कर रहे हैं। इस परिस्थिति में किडनी के खराब होने की आशंका बढ़ जाती है। हर माह करीब 25 से 30 मामले सामने आ रहे हैं। इस वर्ष जनवरी माह में 37 किडनी फेल होने के मामले सामने आए हैं। फिलहाल खराब खानपान की वजह से यह बीमारी हो रही है। जिला अस्पताल की यूनिट में 6 मशीनें उपलब्ध है। डायलिसिस यूनिट के आंकड़ों के मुताबिक पिछले वर्ष 2021 में जनवरी माह में 219, फरवरी में 216, मार्च में 292, अप्रैल में 276, मई में 210, जून में 222, जुलाई में 256, अगस्त में 253, सितंबर में 216, अक्टूबर में 220, नवंबर में 241, दिसंबर में 280 इस प्रकार कुल 2 हजार 897 मरीजों का पंजीयन हुआ है। जिनका चिकित्सक के परामर्श के हिसाब से डायलिसिस किया गया है। इनमें सभी किडनी फेल होने वाले मरीज हैं। जिला अस्पताल में प्रतिदिन 10 मरीजों का डायलिसिस के लिए पंजीयन किया जा रहा है। यूनिट से जुड़े स्वास्थ्य कर्मी चिकित्सक के परामर्श से मरीजों का डायलिसिस कर रहे हैं।
किडनी रोग के लक्षण
डा. अविनाश येरणे, नोडल अधिकारी, जिला अस्पताल के मुताबिक पेशाब कम आना, पैरों और शरीर के अन्य हिस्सों में सूजन होना, हमेशा थकान बने रहना, किडनी की कार्यक्षमता कम अधिक होना, रक्त में पोटेशियम की मात्रा अधिक हो जाना, सांस फूलना जैसे लक्षण शरीर में दिखने लगे तो चिकित्सक की सलाह के बाद जांच करवाना अनिवार्य है। मरीजों का नि:शुल्क उपचार आयुष्यमान भारत योजना के तहत किया जाता है। कोरोना संक्रमित मरीजों का डायलिसिस शुरू है। उनके लिए कक्ष की अलग सुविधा उपलब्ध की गई है।
Created On :   31 Jan 2022 5:30 PM IST