अनुसूचित जाति की स्थिति पर राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रामशंकर कठेरिया ने जताई चिंता

Katheria expressed concern over the status of scheduled castes
अनुसूचित जाति की स्थिति पर राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रामशंकर कठेरिया ने जताई चिंता
अनुसूचित जाति की स्थिति पर राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रामशंकर कठेरिया ने जताई चिंता

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रामशंकर कठेरिया देश में अनुसूचित जाति वर्ग की स्थिति को लेकर असहज दिखे। रविभवन में जिला प्रशासन, पुलिस और मनपा प्रशासन सहित अन्य विभागों के साथ हुई बैठक में अधिकारियों के पास किसी भी सेक्टर में अनुसूचित जाति वर्ग के आंकड़े उपलब्ध नहीं होने से उनकी नाराजगी और बढ़ी। न प्रशासन के पास सरकारी नौकरी में अनुसूचित जाति वर्ग के आंकड़े थे और न ही शैक्षणिक क्षेत्र की स्थिति। अनुसूचित जाति वर्ग के खिलाफ हो रहे अपराध भी दर्ज नहीं होने पर वे चिंतित दिखे। उनकी नाराजगी तब और बढ़ गई कि जब प्रशासन द्वारा उन्हें गलत जानकारी दी गई। पुलिस प्रशासन ने उन्हें बताया कि नागपुर में एक भी अनुसूचित जाति वर्ग के व्यक्ति की हत्या या अन्याय के मामले सामने नहीं आए हैं, लेकिन जब पिछले साल शहर में हुए  कांबले दोहरे हत्याकांड की जानकारी उनके सामने रखी गई तो वे हैरान रह गए। इस पर अधिकारियों को लताड़ लगाते हुए उन्होंने तुरंत पुलिस प्रशासन को रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि अगर तथ्य छिपाए गए तो निश्चित रूप से कार्रवाई होगी। 

तो आयोग एक्शन लेगा

रविभवन में पत्रकार वार्ता में आयोग के अध्यक्ष डॉ. रामशंकर कठेरिया ने कहा कि अनुसूचित जाति को मूल अधिकार प्राप्त होने चाहिए। उसकी अवहेलना होती है तो आयोग एक्शन लेगा। केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का प्राथमिकता के आधार पर उन्हें लाभ मिलना चाहिए। यह जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की है। सरकारी नौकरी में उनका प्रतिशत पूरा होना चाहिए। प्राइवेट क्षेत्र में भी उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, लेकिन प्रशासन के पास दोनों की रिपोर्ट मौजूद नहीं थी। उन्होंने साक्षरता मामले में अनुसूचित जाति वर्ग की स्थिति नहीं मिलने पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक प्रतिशत, लड़कियों की साक्षरता और उनके लिए अलग से शौचालय की रिपोर्ट भी प्रशासन के पास नहीं है।  कहा कि आगामी 25 जून से 25 जुलाई तक दिल्ली में लंबित मामलों की विशेष सुनवाई की जाएगी। रोजाना 10 मामलों की सुनवाई की जाएगी। इसके अलावा अगस्त में मुंबई में सभी मामलों की समीक्षा की जाएगी। इस दौरान सभी मामलों को देखा जाएगा। 

सिर्फ 43 मामले एससी वर्ग के

कठेरिया ने बताया कि पिछले साल नागपुर शहर में 8 हजार मामले दर्ज किए गए। इसमें सिर्फ 43 मामले अनुसूचित जाति वर्ग के खिलाफ हैं। 4 मामले छोड़कर सभी में चार्जशीट दायर की गई है। हत्या और बलात्कार जैसे एक भी मामले नहीं है, लेकिन जब कांबले दोहरे हत्याकांड की जानकारी सामने रखी गई तो राष्ट्रीय अध्यक्ष कठेरिया ने तुरंत अधिकारियों को रिपोर्ट देने आदेश दिया।

प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण का पॉलिसी मैटर है

प्राइवेट सेक्टर में उठती आरक्षण की मांग पर श्री कठेरिया ने कहा कि यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वे प्राइवेट सेक्टर में प्रतिशत पूरा करे। आरक्षण का मामला पॉलिसी मैटर है, जिस पर सरकार ही निर्णय लेगी। उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरी के आंकड़े भी बहुत अच्छे नहीं है। स्कॉलरशिप मामलों की जानकारी देते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि नागपुर में 56 हजार 155 आवेदन आए हैं। इसमें से 40 हजार 9 आवेदन मंजूर हो गए हैं। सिर्फ 56 शेष है, उसे भी जल्द पूरा किया जाएगा।

Created On :   17 Jun 2019 4:00 PM IST

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