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Kanpur Shootout: विकास दुबे के साथियों पर एक्शन, एनकाउंटर में अमर ढेर, श्यामू बाजपेयी गिरफ्तार
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोपी विकास दुबे को पकड़ने के लिए पुलिस-प्रशासन हर संभव कोशिश में जुटा हुआ है। दुबे की तलाश में एसटीएफ जगह-जगह दबिश दे रही है। विकास के साथियों के खिलाफ भी ताबड़तोड़ एक्शन लिया जा रहा है। बुधवार को हमीरपुर के मौदहा में यूपी स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और स्थानीय पुलिस ने एनकाउंटर में विकास दुबे का दाहिना हाथ माने जाने वाले अमर दुबे को मार गिराया है। मुठभेड़ के दौरान विकास दुबे का सहयोगी श्यामू वाजपेई घायल हो गया। बाजपेई को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। एसटीएफ की एक टीम ने मध्य प्रदेश के शहडोल से विकास के साले ज्ञानेंद्र को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।
One SHO and STF constable were injured in the exchange of fire during the encounter today. An automatic weapon a bag recovered from #AmarDubey"s possession. Forensic team on their way to the encounter site, further investigation is underway: Hamirpur SP Shlok Kumar#VikasDubey pic.twitter.com/3LKFqwqXU9
— ANI UP (@ANINewsUP) July 8, 2020
जानकारी के मुताबिक, पुलिस की टीम को जिले में अमर की मौजूदगी के बारे में सूचना मिली थी। जब उन्होंने उसे घेरने की कोशिश की, तो अपराधी ने उन पर गोलियां चला दीं। इसके बाद पुलिस की जवाबी कार्रवाई में वह करीब 6.30 बजे मारा गया। गोलीबारी में पुलिस और एसटीएफ के दो जवान भी जख्मी हो गए। कथित तौर पर अमर मौदहा इलाके में अपने एक रिश्तेदार के घर जा रहा था। एसटीएफ के एक अधिकारी ने कहा, हमने उसे आत्मसमर्पण करने के लिए कहा था, लेकिन उसने फायरिंग कर दी और जब हमने जवाबी कार्रवाई की तो वह मारा गया। बताया जा रहा है, अमर दुबे बुधवार तड़के पुलिस से छिपकर भाग रहा था।
Kanpur: Vikas Dubey"s aide Shyamu Bajpai carrying a reward of Rs 25,000 has been arrested by Chaubeypur police following an encounter. pic.twitter.com/WxanOWuyp9
— ANI UP (@ANINewsUP) July 8, 2020
जानकारी के मुताबिक अमर पहले फरीदाबाद में छिपा था, लेकिन पुलिस का दबाव बढ़ने के कारण वह वहां से भाग निकला। अमर, विकास दुबे का भरोसेमंद साथी था और नरसंहार के बाद कानपुर पुलिस ने उस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। इसी दौरान कुछ रिपोर्ट में दावा किया गया कि विकास दुबे को भी मंगलवार रात फरीदाबाद के एक होटल में देखा गया था, लेकिन पुलिस के वहां पहुंचने से पहले ही वो भाग गया। विकास दुबे के फरीदाबाद के एक गेस्ट हाउस में होने की खबर थी, लेकिन यहां भी पुलिस को निराशा हाथ लगी।
चौबेपुर थाने के 68 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर
इसी बीच कानपुर के चौबेपुर थाने के 68 पुलिसकर्मियों को मंगलवार देर रात लाइन हाजिर कर दिया गया। पिछले शुक्रवार को बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद से थाने के कर्मचारी संदेह के घेरे में आ गए थे। प्रारंभिक जांच के बाद चौबेपुर के पुलिसकर्मियों के खिलाफ ये कार्रवाई की गई। जांच में पाया गया कि, अधिकांश पुलिसकर्मी गैंगस्टर विकास दुबे के संपर्क में थे। थाना प्रभारी विनय तिवारी को पहले ही निलंबित किया जा चुका है। कॉल डिटेल रिकॉर्डस में गैंगस्टर के साथ संबंधों की पुष्टि होने के बाद तीन और पुलिसकर्मियों को भी निलंबित कर दिया गया।
कहा जा रहा है, दुबे को उसे पकड़ने के लिए आ रही पुलिस टीम के बारे में पुलिस स्टेशन से खबर मिल गई थी, जिसके बाद ही उसने पुलिस पर हमले के लिए तैयार की थी। इस मुठभेड़ में शहीद हुए सर्कल ऑफिसर देवेंद्र मिश्रा द्वारा कथित तौर पर पत्र में लिखा गया था कि, कैसे चौबेपुर स्टेशन अधिकारी गैंगस्टर को बचाने की कोशिश कर रहे थे। इस मामले में लखनऊ रेंज की आईजी लक्ष्मी सिंह पुलिस की भूमिका के बारे में पूछताछ कर रही हैं।
एसटीएफ के डीआईजी अनंतदेव तिवारी का ट्रांसफर
कानपुर कांड में जांच के दायरे में आए एसटीएफ के डीआईजी अनंतदेव तिवारी का योगी सरकार ने मंगलवार को तबादला कर दिया था। अनंतदेव तिवारी को चौबेपुर के थाना प्रभारी का बचाव करने को लेकर संदिग्ध रवैये के कारण पीएसी मुरादाबाद में स्थानांतरित किया गया। गौरतलब है कि चौबेपुर थाना प्रभारी की कानपुर के एक व्यापारी जय बाजपेयी के साथ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थीं, वहीं बाजपेयी को दुबे का करीबी था।
सीओ देवेंद्र मिश्र का पत्र मिलने के बाद कार्यालय सील
शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र का पत्र सोमवार को उनकी बेटी ने पुलिस को घर में रखी फाइल से निकालकर दिया था। इसके बाद सोमवार को ही सीओ कार्यालय को सील कर दिया गया था। इस मामले में तत्कालीन एसएसपी अनंतदेव तिवारी पर सवाल उठ रहे थे कि जब सीओ ने उन्हें पत्र लिखकर विकास दुबे व निलंबित थानेदार विनय तिवारी की साठगांठ की पोल खोली थी तब उन्होंने दोनों पर कार्रवाई क्यों नहीं की।
सीओ देवेंद्र मिश्र के पत्र को लेकर तत्कालीन एसएसपी और मौजूदा डीआईजी (एसटीएफ) अनंतदेव तिवारी जांच के घेरे में आए हैं। फॉरेंसिक टीम ने सीओ का कंप्यूटर सील करके लखनऊ स्थित विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा है, ताकि कंप्यूटर की हार्डडिस्क से यह पता लगाया जा सके कि यह पत्र इस कंप्यूटर से टाइप हुआ था या नहीं।
विकास दुबे का करीबी जय वाजपेयी हिरासत में
यूपी पुलिस ने कानपुर से विकास दुबे के करीबी जय वाजपेयी को हिरासत में लिया है। कहा जा रहा है कि, जय, विकास दुबे के फाइनेंस का काम देखता था। वहीं बिकरु गांव में विकास दुबे के घर पर लगातार खोजबीन जारी है। पुलिस यहां से विस्फोटक, कारतूस और फर्जी आईडी कार्ड बरामद कर चुकी है। बता दें कि, गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने के लिए यूपी पुलिस ने 50 से ज्यादा टीमें लगा रखी हैं, लेकिन अभी तक सफलता हाथ नहीं लगी है।
Created On :   8 July 2020 7:48 AM IST