आम आदमी को समझ में आने वाली भाषा में मिले न्याय-सीएम चौहान
डिजिटल डेस्क जबलपुर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आम आदमी को समझ में आने वाली भाषा में न्याय होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी भाषा का अपना महत्व है, लेकिन हमारी कोशिश है कि स्थानीय और सरल भाषा में न्याय होना चाहिए। रविवार को उक्ताशय के विचार मुख्यमंत्री ने हाई कोर्ट के गेट नंबर-5 के सामने महाधिवक्ता कार्यालय भवन नव सृजन का भूमि पूजन करने के बाद व्यक्त किए। इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जेके माहेश्वरी, चीफ जस्टिस रवि मलिमठ, आम्र्स फोर्स ट्रिब्यूनल के चेयरमैन जस्टिस राजेन्द्र और महाधिवक्ता प्रशांत सिंह मौजूद थे।
प्री-लिटिगेशन मीडिएशन से कोर्ट के भार को कम करें
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आपसी विवादों को निपटाने के लिए प्री-लिटिगेशन मीडिएशन को अपनाने की आवश्यकता है। इससे न्यायालयों पर मुकदमों का बोझ कम होगा। उन्होंने कहा कि महाधिवक्ता कार्यालय, सरकार और न्यायपालिका के बीच सेतु का काम करता है। पेसा एक्ट के तहत जनजातीय क्षेत्रों में विवाद सुलझाने के लिए समितियाँ बनाई गई हैं। ब्रिटिश काल के पुराने हो चुके कानूनों को हटाया जा रहा है। अमृतकाल में प्रधानमंत्री ने न्याय के 6 स्तंभ बताए हैं। जिसमें सभी के लिए न्याय, आसान न्याय, सस्ता न्याय, त्वरित न्याय, गुणवत्ता पूर्ण न्याय और आम आदमी को सरल भाषा में समझ में आने वाला न्याय शामिल है। मध्यप्रदेश मेडिकल और इंजीनियरिंग की शिक्षा हिंदी में शुरू करने वाला पहला राज्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाई कोर्ट की एनेक्सी का भी जल्द निर्माण किया जाएगा।
विचारों से मिलती है सफलता
विशिष्ट अतिथि के रूप में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जेके माहेश्वरी ने विचारों की शक्ति के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद और महात्मा गांधी के विचार व्यक्ति के जीवन को सफलता के पायदान पर बनाए रखने में महत्वपूर्ण हैं। इन महापुरुषों के विचारों को आत्मसात करने की जरूरत है।
मजबूत संस्थान से बनता है सशक्त राष्ट्र
मप्र हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ ने कहा कि कोई भी संस्थान ईंट और सीमेंट से नहीं बनता है, बल्कि वहाँ काम करने वाले मानव संसाधन से बनता है। मजबूत मानव संसाधन से ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण होता है। यहीं मूल्य और सिद्धांत जीवन की दिशा तय करते हैं।
न्याय में विलंब का समाधान खोजना होगा
आम्र्स फोर्स ट्रिब्यूनल के चेयरमैन जस्टिस राजेन्द्र मेनन ने कहा कि आज सबसे बड़ी समस्या न्याय में विलंब होना है। सबको मिलकर इसका समाधान खोजना होगा। इसके लिए आर्बिट्रेशन और मीडिएशन का तरीका अपनाया जा सकता है।
33 करोड़ की लागत से बनेगा आठ मंजिला भवन
महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने कहा कि 33 करोड़ रुपए की लागत से आठ मंजिला महाधिवक्ता कार्यालय बनाया जा रहा है। कार्यक्रम में सांसद राकेश सिंह, राज्यसभा सांसद सुमित्रा बाल्मीक सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता मौजूद थे।
Created On :   9 April 2023 11:44 PM IST