जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल अवैध, 24 घंटे में काम पर लौटने का आदेश

Junior doctors strike illegal, order to return to work in 24 hours
जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल अवैध, 24 घंटे में काम पर लौटने का आदेश
जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल अवैध, 24 घंटे में काम पर लौटने का आदेश



डिजिटल डेस्क जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस सुजय पॉल की डिवीजन बैंच ने गुरुवार को प्रदेश में जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल को अवैध घोषित कर दिया है। डिवीजन बैंच ने जूनियर डॉक्टर्स को 24 घंटे के भीतर काम पर लौटने का निर्देश दिया है। आदेश का पालन नहीं होने पर डिवीजन बैंच ने राज्य सरकार को जूनियर डॉक्टर्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की छूट प्रदान की है।
डिवीजन बैंच ने कहा है कि कोरोना आपदा के इस अभूतपूर्व संकट के दौर में जूनियर डॉक्टर्स का हड़ताल पर जाना निंदनीय है। जूनियर डॉक्टर्स के इस कृत्य को उचित नहीं ठहराया जा सकता है। डिवीजन बैंच ने सुनवाई के दौरान मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा आप डॉक्टर बनते समय मरीजों की सेवा की शपथ लेते हैं, लेकिन आप इस शपथ को भूल चुके हैं, लेकिन हमें अपनी शपथ याद है।
पूर्व में दो बार हड़ताल को अवैध घोषित कर चुकी है हाईकोर्ट
सिविल लाइन्स जबलपुर निवासी अधिवक्ता शैलेन्द्र सिंह ने वर्ष 2014 में जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल के खिलाफ जनहित याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने 31 जनवरी 2014 को हड़ताल को अवैध घोषित कर दिया था। वर्ष 2018 में भी जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल हुई। हाईकोर्ट ने दूसरी बार 25 जुलाई 2018 को हड़ताल को अवैध घोषित किया। हाईकोर्ट ने यह कहते हुए याचिका को विचाराधीन रखा था कि भविष्य में आदेश का उल्लंघन होने पर फिर से सुनवाई की जा सकती है। 31 मई 2021 से जूनियर डॉक्टर्स ने फिर से हड़ताल शुरू कर दी। इस मामले में अधिवक्ता प्रणय चौबे ने आवेदन दायर कर कहा कि कोरोना आपदा काल में फिर से जूनियर डॉक्टर्स हड़ताल पर चले गए हैं।
राज्य सरकार करेगी डॉक्टर्स की सुरक्षा
महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव ने कहा कि डॉक्टर्स और जूनियर्स डॉक्टर्स की सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। जूनियर डॉक्टर्स और उनके परिजनों को कोरोना होने पर कार्यस्थल पर ही मुफ्त इलाज की सुविधा देने की माँग मान ली गई है। जूनियर डॉक्टर्स 24 प्रतिशत स्टाइपेंड बढ़ाने की माँग कर रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार कंज्यूमर प्राइज इंडेक्स के अनुसार स्टाइपेंड बढ़ाने पर विचार कर रही है। कोरोना के कारण स्टडी पीरियड को आगे बढ़ाया गया है, लेकिन उसकी अलग से फीस नहीं ली जाएगी। महाधिवक्ता श्री कौरव ने कहा कि जूनियर डॉक्टर्स को अपनी माँग के संबंध में हाईकोर्ट में याचिका पेश करनी थी, कोरोना आपदा के समय हड़ताल करना अनुचित है।
हाईकोर्ट ने जूनियर डॉक्टर्स को दिया तीन बार अवसर
हाईकोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान जूनियर डॉक्टर्स को अपनी माँगों के संबंध में सरकार से बातचीत करने और हड़ताल वापस लेने के लिए तीन बार अवसर दिया, लेकिन जूनियर डॉक्टर्स अपनी माँगों और हड़ताल पर अड़े रहे। इसके बाद डिवीजन बैंच ने हड़ताल अवैधानिक घोषित कर दी।

Created On :   3 Jun 2021 9:20 PM IST

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