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जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल खत्म, काम पर लौटे
डिजिटल डेस्क जबलपुर। 31 मई से शुरू हुई जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल आखिरकार 8 दिनों के बाद खत्म हुई। आठ दिनों से सरकार और जूडॉ के बीच बढ़ रही तल्खियों के बाद सोमवार को हुई बातचीत में जूडॉ ने हड़ताल खत्म करने का फैसला किया। जूडॉ के अनुसार उन्होंने यह निर्णय उच्च न्यायालय के सम्मान को देखते हुए मरीजों के हित में लिया है। प्रदेश स्तर पर पर हुई बातचीत के बाद जूडॉ ने सोमवार की दोपहर हड़ताल वापस ले ली और काम पर लौट गए। सरकार ने जूनियर डॉक्टर्स की स्टाइपेंड बढ़ाने की माँग को तत्काल पूरा करते हुए 4 घंटे के अंदर आदेश भी जारी कर दिया है। चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा जारी इस आदेश के बाद शासकीय मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर्स के मासिक स्टाइपेंड में 17 प्रतिशत की वृद्धि कर दी गई है, हालाँकि शुरुआत में जूडॉ की माँग 24 प्रतिशत वृद्ध करने की थी, जिसे बाद में 17 प्रतिशत कर दिया गया। करीब 350 जूडॉ के काम पर लौटने के बाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्थाएँ पटरी पर लौटने लगीं।
स्टाइपेंड बढ़ाने की माँग पूरी-
नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के जूडॉ एसोसिएशन अध्यक्ष डॉ. पंकज सिंह ने बताया कि सरकार द्वारा स्टाइपेंड बढ़ाने की माँग को पूरा कर दिया गया है। सरकार ने 17त्न स्टाइपेंड बढ़ाने पर सहमति दी है। अन्य माँगों को पूरा करने के लिए आश्वासन दिया गया है। इसके बाद सोमवार दोपहर बाद से ही जूडॉ अपनी-अपनी सेवाओं पर लौट गए।
बीते आठ दिनों में भटके मरीज-
मेडिकल में जूडॉ की हड़ताल के बाद चिकित्सा व्यवस्थाएँ पटरी से उतर चुकी थीं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से 14 डॉक्टर्स मेडिकल को उपलब्ध कराए गए थे। इसके बाद भी मरीजों को राहत नहीं मिली। कोविड, ब्लैक फंगस समेत सभी वार्डों में मरीजों को समस्याओं का सामना करना पड़ा। मरीजों के परिजन इलाज के लिए भटकते नजर आए।
इन माँगों पर मिला आश्वासन
- हर साल वार्षिक 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी बेसिक स्टाइपेंड पर दी जाए।
- पीजी करने के बाद 1 साल के ग्रामीण बांड को कोविड की ड्यूटी के बदले हटाने के लिए एक कमेटी बनाई जाए, जिसमें जूडॉ के प्रतिनिधि भी शामिल हों।
- कोविड ड्यूटी में कार्यरत जूनियर डॉक्टर को 10 नंबर का एक गजेड सर्टिफिकेट दिया जाए, जो उसको सरकारी नौकरी में प्राथमिकता दे।
- कोविड में काम करने वाले जूनियर डॉक्टर और उनके परिवार के लिए अस्पताल में एक एरिया और बेड रिजर्व किया जाए। साथ ही नि:शुल्क इलाज उपलब्ध कराया जाए।
- 31 मई के बाद इस्तीफा देने वाले डॉक्टरों पर की गई कार्रवाई को वापस लिया जाए।
- 2018 के जूडॉ डॉक्टर, जिनका 3 साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है उनको एसआर (सीनियर रेजीडेंट) माना जाए।
Created On :   7 Jun 2021 9:50 PM IST