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माँगों को लेकर अड़े जूडॉ, स्वास्थ्य सेवाएँ लडख़ड़ाईं हड़ताल
जूडॉ के सामूहिक इस्तीफे के बाद दिन भर बनी रही गहमा-गहमी, परेशान रहे मरीज और परिजन
डिजिटल डेस्क जबलपुर । नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में करीब 350 जूनियर डॉक्टर्स के इस्तीफा सौंपने के बाद सरकार और जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के बीच टकराव और बढ़ गया है। अपनी माँगों लेकर अड़े जूनियर डॉक्टर्स ने कॉलेज की सभी तरह की सेवाओं से हाथ खींच लिए हैं। इससे व्यवस्थाएँ लडख़ड़ा गई हैं। हड़ताल अवधि में अनुपस्थित रहे स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं की जानकारी चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा माँगी गई है। विभाग द्वारा इन छात्रों के नामांकन निरस्त करने के लिए मेडिकल यूनिवर्सिटी को निर्देश भी दे दिए गए हैं, जिसके चलते छात्र आगामी परीक्षा से वंचित हो जाएँगे। इस कार्रवाई से जूनियर डॉक्टर्स में नाराजगी और बढ़ गई है। जबलपुर में एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. पंकज सिंह का कहना है कि जूनियर डॉक्टर्स के बाद आज शुक्रवार से सीनियर रेसीडेंट्स भी हड़ताल में शामिल होंगे। माँगों को लेकर सरकार व प्रशासन का रवैया नकारात्मक रहा है। सरकार अगर 24 घंटे के अंदर माँगों को लेकर बात नहीं करेगी, तो हम और सख्त कदम उठाने पर मजबूर हो जाएँगे।
प्रदर्शन का चौथा दिन, टली सर्जरी
चार दिनों से चल रही हड़ताल के बाद अब मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में चिकित्सा व्यवस्थाएँ पटरी से उतरने लगी हैं। मरीज इलाज के लिए भटक रहे हैं। रूटीन ऑपरेशन्स और सर्जरी की डेट आगे खिसकाई जा रही हैं। जूडॉ ने कोविड, म्यूकर माइकोसिस वार्ड, इमरजेंसी, ओपीडी, वार्ड ड्यूटी समेत सभी तरह की सेवाएँ रोक दी हैं। मरीज डिस्चार्ज लेकर निजी अस्पतालों का रुख कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला अस्पताल से बुधवार को भेजे गए 14 चिकित्सकों के बाद भी स्थिति नहीं सुधरी है। वहीं मेडिकल यूनिवर्सिटी द्वारा हड़ताल में शामिल मेडिकल कॉलेज के 37 पीजी छात्रों के नामांकन रद््द कर दिए गए हैं। चिकित्सा विभाग से मिले निर्देशों के बाद एमयू द्वारा उक्त कदम उठाया गया है।
Created On :   4 Jun 2021 9:29 AM GMT